प्रकाश प्रदूषण क्या है || Prakash pradushan
प्रकाश प्रदूषण |
प्रकाश
प्रदूषण किसे कहते हैं || what is light pollution
प्रकाश
प्रदूषण से आशय है प्रकाश प्रदूषण मानव द्वारा कृत्रिम रूप से अवांछित अनुपयुक्त और
अधिक मात्रा में कृत्रिम प्रकाश की उपस्थिति के कारण होता है। जबकि कृत्रिम प्रकाश
के माध्यम से अत्यधिक व गलत दिशा में बाधा डालने वाले प्रकाश के कारण जीव जंतु वनस्पति
को नुकसान हो या कृत्रिम प्रकश की वजह से प्रकृति
पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, तो उसे प्रकाश प्रदूषण कहा जाता है।
आधुनिक
दुनिया में लोग कृत्रिम प्रकाश की रात की चमक के नीचे रह रहे हैं, और यह कृत्रिम प्रकाश
मनुष्यों, वन्य जीवन और पर्यावरण के लिए दिन बा दिन बड़ी समस्याएँ पैदा कर रहा है।
मानव के द्वारा कृत्रिम प्रकाश को अपने लाभ के लिए खराब तरीके से लागू करना प्रकाश
व्यवस्था के नकारात्मक प्रभाव को दर्शाता है प्रकाश प्रदूषण के कारण विभिन्न प्रदूषक
व्यापक और सामूहिक रूप से योगदान देते हैं प्रकाश प्रदूषण शहरी प्रदूषण के दुष्प्रभाव
को बढ़ाता है और यह जीव जंतु के स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को खड़ा करता है पारिस्थितिक
तंत्र भी प्रकाश प्रदूषण से अछूता नहीं रहते हैं बल्कि वह पारिस्थितिक तंत्र के वातावरण
को खराब करता है।
प्रकाश
प्रदूषण से क्या होता है || What happens due to light pollution
जिससे
जीव जंतुओं को जीवन निर्वाह में अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जैसे कि रात्रि
में विचरण करने वाली जंतुओं को खतरा बढ़ गए हैं अनेक जीव जंतुओं के डीएनए में परिवर्तन
होना शुरू हो चुका है कृत्रिम प्रकाश की वजह से कभी-कभी आत्मघाती दुर्घटनाएं हो जाती
है, कृत्रिम प्रकाश की ऊर्जा वातावरण को पहले से अधिक गर्म कर देती हैं जो जीव जंतु
के आवास को नुकसान पहुंचाती है यह प्रकृति में धीरे-धीरे घटने वाली असामान्य घटनाओं
को जन्म दे रही है जिसे हम प्रकाश प्रदूषण के नाम से जानते हैं।
प्रकाश
प्रदूषण के कारण || causes of light pollution
1.
चकाचौंध के कारण प्रकाश प्रदूषण
आज
के आधुनिक युग में लोग चकाचौंद के करना अधिक दृश्य वाले प्रकश का उपयोग करते है। दिखवटी
और फैशन के कारण लोग अत्यधिक चकाचौंध और दिखावटी के चक्कर में अधिक तरंगदैर्ध्य वाले
प्रकाश बल्ब का उपयोग करते हैं जिससे अधिक मात्रा में ऊर्जा का उत्सर्जन होता है जिससे
अधिक रोशनी वायुमंडल में बिखर जाती है लेकिन इसका वास्तविक उपयोग से कोई वास्ता नहीं
होता है यह दिखाने के लिए प्रकाश का दुरुपयोग किया जाता है जो वास्तविक रूप में जीव
जंतु और मनुष्य के लिए जोखिम का कार्य करता है।
2.
स्काईग्लो के कारण प्रकाश प्रदूषण
शहरीकरण
के कारण कुछ रिहायशी इलाकों में रात के समय आसमान चमकने लगता है उन सभी प्रकारों का
संयोजन नकारात्मक रूप से किसी अन्य जगह परिवर्तित होती है इससे आसपास के वातावरण में
गर्मी बढ़ जाती हैं जो वातावरण द्वारा जमीन पर पुनः प्रकाश को बिखेर दिया जाता है जिसकी
जरूरत नहीं होती है यह सिर्फ प्रकाश का दुरुपयोग होता है।
3.
प्रकाश का अतिचार के कारण प्रकाश प्रदूषण
जब
प्रकाश की जरूरत नहीं होती है और वहां पर प्रकाश का दुरुपयोग किया जाता है तो इससे
भी प्रकाश ऊर्जा का दुरुपयोग होने लगता है जैसे कि उदाहरण के तौर पर एक घर में प्रकाश
का उपयोग किया जाता है लेकिन उस घर तक प्रकाश सीमित न होकर कर आसपास के क्षेत्रों में
भी उजाला फैलाता है जिसकी जरूरत आसपास के क्षेत्रों में नहीं होती है लेकिन यह दिखावटी
और फैशन के लिए ऐसा किया जाता है जिससे जीव जंतुओं को दृश्य प्रकाश और अवरुद्ध होने
लगता है जो एक नकारात्मक कारण है इससे जीव-जंतुओं को अनेक समस्याएं होने लगती है।
4.
अव्यवस्थित के कारण प्रकाश प्रदूषण
जब
प्रकाश को हम अव्यवस्थित रूप से उपयोग करते हैं जो वास्तविक में उसकी उपयोग कि विपरीत
होता है इससे अधिक रोशनी पैदा होने से विचलन भ्रम दुर्घटनाएं होने लगती है उदाहरण के
तौर पर स्ट्रीट लाइट में अधिक मात्रा में प्रकाश का उपयोग करना विज्ञापन के लिए अधिक
तरंगदैर्ध्य प्रकाशो का प्रयोग करना, कारखानों के आसपास अधिक तरंगदैर्ध्य वाले बल्ब
का प्रयोग करना, यह पर्यावरण के लिए अत्यंत नुकसान दे ही होता है।
प्रकाश
प्रदूषण के प्रभाव || Light pollution effects
1.
प्रकाश प्रदूषण के कारण जैविक चक्र में बाधा
कृत्रिम
प्रकाश की वजह से जीव जंतुओं को अधिक रूप में कृत्रिम प्रकाश मिलने लगता है तो उसके
व्यवहार में परिवर्तन होना शुरू हो जाता है और जन्म लेने वाले जीव जंतु के जीन में
भी परिवर्तन होना शुरू हो जाता है प्रकाश प्रदूषण के कारण ऐसे जीव जंतु अपना प्रवास
छोड़ देते हैं इससे उनका प्रवास, ध्यानात्मक संचार भोजन की खोज अधिक प्रभावित होती
है जिससे जंतुओं के दैनिक व वार्षिक जैविक चक्र में परिवर्तन होना शुरू हो जाता है
या इससे जीव जंतुओं के जैविक चक्र बाधित होता है प्रकाश प्रदूषण के कारण अनेक कीड़े
मकोड़े अपनी प्रजनन क्षमता को बढ़ा देते हैं इससे पर्यावरण के जैविक चक्र में बाधा
उत्पन्न होने लगती है।
2.
कृत्रिम प्रकाश के कारण मानव स्वास्थ्य में नुकसान
कृत्रिम
प्रकाश मानव स्वास्थ्य में भी नकारात्मक प्रभाव डालते हैं अनेक बीमारियां का कारण कृत्रिम प्रकाश होता है मनुष्य में हाइपरटेंशन
या शारीरिक शिथिलता उत्पन्न होने लगती है वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार मानव शरीर प्रकाश
और रात्रि द्वारा नियंत्रित होने वाले हारमोंस सर्केडीयन रिदम और मेलाटोनिन के उत्पादन
को प्रभावित करती है जो मानव शरीर के लिए हानिकारक है नींद संबंधी विकारों को उत्पन्न
करने में कृत्रिम प्रकाश की मुख्य भूमिका है मधुमेह तथा अन्य सारी समस्याओं को भी कृत्रिम
प्रकाश द्वारा प्रभावित किया जाता है जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
3.
प्रकाश प्रदूषण के कारण टकराव
आधुनिक
युग में कृत्रिम प्रकाश के कारण अनेक जीव जंतु इमारतों या अन्य निर्मित संरचनाओं से
टकराकर नष्ट हो जाती हैं खासकर पक्षियों को रात्रि के समय कृत्रिम प्रकाश की वजह से
अधिक नुकसान होता है अन्य जीव-जंतु भी प्रकाश के कारण शिकार हो जाते हैं जिससे वन्य
जीव जंतुओं को अत्यधिक नुकसान होता है और धीरे-धीरे कई वन्य जीव जंतु प्रकाश की वजह
से विलुप्त के कगार में आ गए हैं जो पर्यावरण के लिए नकारात्मक संकेतों को दर्शाता
है।
4.
प्रकाश प्रदूषण के कारण परिस्थितिक तंत्र में बाधा
कृत्रिम
प्रकाश के अधिक उपयोग से पारिस्थितिक तंत्र प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित
होती हैं जीव जंतु वनस्पति इन कृत्रिम प्रकाश के संपर्क में आते हैं जिससे जीव जंतुओं
की जीवन चक्र पर गहरा प्रभाव पड़ता है उदाहरण के तौर पर जीव जंतुओं की प्रजनन क्षमता
में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जीव जंतु के शारीरिक और मानसिक संरचना में नकारात्मक
प्रभाव पड़ने लगा है जीव जंतुओं की प्राकृतिक आवास की छाती होती है जीव जंतुओं की खाद्य
पदार्थ में नुकसान होने लगता है जीव जंतुओं के मार्ग में कृत्रिम प्रकाश दिशा भ्रामक
का कार्य करती है पौधों के विकास में नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है कृत्रिम प्रकाश
की वजह से पारिस्थितिक तंत्र में नकरात्मक प्रभाव बढ़ जाता है जो पारिस्थितिक तंत्र
के लिए नुकसान का संकेत है।
5.
प्रकाश प्रदूषण के कारण दिशा परिवर्तन
कृत्रिम
प्रकाश प्रदूषण के कारण रात्रि में उड़ने वाले पक्षियों को दिशा का भ्रम हो जाता है
क्योंकि कृत्रिम प्रकाश पक्षियों तथा अन्य जीव-जंतुओं को आकर्षित करती है और उन्हें
विचलित करता है इनसे जीव जंतु प्रकाश वाले क्षेत्र में ही चक्कर लगाने लगते हैं इनसे
उन जीव जंतुओं की संग्रहित ऊर्जा कम हो जाती है, कृत्रिम प्रकाश की वजह से बहुत सारे
जीव जंतु रात को दिन समझकर अपने खाद्य पदार्थों की व्यवस्था और शिकार के लिए निकल जाते
हैं जिससे ऐसे जीव जंतु ठीक से नींद और आराम नहीं ले पाते हैं और उसके अंदर ऊर्जा की
कमी हो जाती है जिसे जीव जंतुओं के शरीर में थकावट होने की वजह से वह आसानी से शिकारियों
के शिकार के दायरे में आ जाते हैं जिससे उन जीव जंतुओं का आसानी से शिकार हो जाता है
बहुत से जीव जंतु दिशा भ्रम की वजह से अपने प्राकृतिक आवास से भटक जाते हैं ऐसे जीव
जंतुओं के लिए खतरा पैदा हो जाते हैं अंततः यह जीव जंतु मौत के शिकार हो जाते हैं।
6.
कृत्रिम प्रका प्रदूषण के कारण खगोलीय अनुसंधान में बाधा
जब
अधिक तरंगदैर्ध्य छोड़ने वाले कृत्रिम प्रकाश का उत्सर्जन मानव द्वारा किया जाता है
तो यह प्राकृतिक में घटने वाली घटनाओं में बाधा का कार्य करती हैं बहुत अधिक मात्रा
में कृत्रिम प्रकाश के उत्सर्जन के कारण सितारों और आकाशगंगा का पूर्ण विश्लेषण धुंधला
हो जाता है जिसे वैज्ञानिक स्पष्ट रूप से दूरबीन के माध्यम से भी नहीं देख पाते हैं
जिसका नकारात्मक प्रभाव खगोलीय अनुसंधान केंद्र में होने लगता है इस कारण को खगोलीय
अनुसंधान केंद्रों को दूरदराज के क्षेत्रों में स्थापित किया जाता है ताकि वहां कृत्रिम
प्रकाश की वजह से कोई बाधा उत्पन्न ना हो।
7.
प्रकाश प्रदूषण के कारण कृत्रिम ऊर्जा की बर्बादी
दुनिया
भर में बहुत से लोग ऊर्जा की खपत को बहुत अधिक मात्रा में करते हैं जिससे बिजली की
लगभग एक चौथाई हिस्सा अनुपयुक्त रुप से बर्बाद हो जाता है एक और ग्रामीण और बीहड़ क्षेत्रों
में जहां मानव को ऊर्जा प्राप्त नहीं हो पाता है, वहीं शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा की
खपत इतनी अधिक मात्रा में की जाती है जिससे ऊर्जा की बर्बादी बहुत अधिक होती हैं लोग
अति जगमगाहट, चकाचौंद के विभिन्न रूपों के अंतर्गत व्यापक रूप से उपयोग करते हैं जो
पर्यावरण को असंतुलन करने के लिए जिम्मेदार है यह रात के समय नहीं बल्कि दिन के समय
प्रकाश कृत्रिम प्रकाश का दुरुपयोग किया जाता है जिससे ऊर्जा की बर्बादी लगातार बढ़ती
जा रही है।
प्रकाश
प्रदूषण के उपाय || Prevention of light pollution
1.
आवश्यकता अनुसार प्रकाश का उपयोग करे
प्रकाश
की आवश्यकता की पूर्ति जितनी मात्रा में प्रकाश की जरूरत पड़ती है उतनी मात्रा में
प्रकाश का उपयोग करना चाहिए और कोशिश करे कम से कम तीव्रता वाले प्रकाश के स्रोतों
का उपयोग करें इससे अन्य जीव जंतु को भी किसी तरह का है नुकसान नहीं होगा ज्यादा से
ज्यादा प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करें जरूरत पड़ने पर ही कृत्रिम प्रकाश का उपयोग
करना चाहिए वर्तमान समय में बहुत सारे ऐसे लोग होते हैं जो रूम में उपस्थित तो नहीं
होते हैं परंतु वहां पर कृत्रिम प्रकाश को चालू करके भूल जाते हैं यह जाने और अनजाने
में किए जाने वाली नकारात्मक आदतों को दर्शाता है जो प्रकाश की आवश्यकता से अधिक दुरुपयोग
को दर्शाने वाली घटना है इसलिए प्रकाश का कम से कम आवश्यकतानुसार प्रयोग करना चाहिए।
2.
प्रकाश के उपयोग संबंधी जागरूकता
शहरों
में अधिकतर लोग प्रकाश के प्रति जागरूक नहीं होते हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रकाश
मिल ही नहीं पाता है जब तक लोगों के अंदर प्रकाश के उपयोग के प्रति जागरूकता उत्पन्न
नहीं होगी तब तक प्रकाश का उपयोग उचित ढंग से नहीं हो पाएगा इसलिए प्रकाश की उपयोग
के लिए सरकार समाज संगठन और व्यक्तिगत रूप से जागरूकता फैलाना जरूरी है ताकि प्रकाश
को केवल पैसे के मूल्य के आधार पर मापन न करके प्राकृतिक और पारिस्थितिक तंत्र की संतुलन
के हिसाब से उपयोग किया जा सके सभी मानव को प्रकाश के उपयोग के संदर्भ में जागरूक होना
जरूरी है तभी हम प्रकाश का सही उपयोग कर सकते हैं।
3.
समायोजित ढंग से प्रकाश का उपयोग करें
कई
बार कृत्रिम प्रकाश का दुरुपयोग इसलिए अधिक बढ़ जाता है क्योंकि हम समायोजित ढंग से
उस प्रकाश का उपयोग नहीं कर पाते हैं जब हम इधर-उधर फैलाओ के चक्कर में प्रकाश को समायोजित
नहीं करते हैं तो अत्यधिक मात्रा में कृत्रिम प्रकाश को जलाते हैं जिससे वास्तविक लक्ष्य
की प्राप्ति नहीं हो पाती है जो प्रकश के दुरूपयोग को दर्शाता है।
4.
प्रकाश के दुरुपयोग से बचने के लिए सेंसर का यूज़ करें
कई
बार हम घरों में प्रकाश के उपयोग करते समय स्विच को बंद करना भूल जाते हैं और अनावश्यक
रूप से प्रकाश घरों में जलते रहता है यदि आप इस चीजों को मैनेज नहीं कर पाते हैं तो
आपको वैज्ञानिक पद्धति को अपनाते हुए सेंसर का उपयोग करना चाहिए ताकि वह निश्चित समय
में जलते हुए बल्ब लाइट को ऑटोमेटेकली बंद कर दें इससे प्रकाश के दुरुपयोग से बचा जा
सकता है।
5.
प्रकाश प्रदूषण से बचने के लिए लाइट सील्ड
का प्रयोग करें
कई
बार हम सभी बल्ब टूलाइट्स को इस तरह से लगाते हैं ताकि हम में प्रकाश प्राप्त हो सके
लेकिन प्रकाश के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो पाती है इसलिए बल्ब और ट्यूबलाइट पर
या अन्य किसी तरह के लाइट पर लाइट शिल्ड लगा देनी चाहिए जिससे प्रकाश को एक निश्चित
दिशा में केंद्रित करके अधिक से अधिक उपयोग किया जा सके इसे प्रकाश का समुचित ढंग से
उपयोग हो पाएगा।
6.
प्रकाश के बल्बों में सुधार
जब
हम निम्न गुणवत्ता वाले बल्बों ट्यूबलाइट तो उपयोग करते हैं तो वह अधिक मात्रा में
ऊर्जा की खपत करती हैं और उससे निकलने वाली प्रकाश की तरंगदैर्ध्य बहुत अधिक होती है
जो अनावश्यक रूप से मानव शरीर के साथ-साथ जीव जंतु और प्रकृति को भी नुकसान पहुंचाता
है इसलिए वर्तमान समय के अनुसार उच्च गुणवत्ता वाली बल्बों ट्यूबलाइट का प्रयोग करें
जिससे कम ऊर्जा से अधिक से अधिक प्रकाश का उत्सर्जन किया जा सके और कम तरंगदैर्ध्य
के कारण होने वाले नुकसान उसे बचा जा सके।
7.
प्रकाश के दुरुपयोग से बचने के लिए लाइट को कट ऑफ कर देना चाहिए
अधिकतर
लोग अनावश्यक रूप से लाइट का दुरुपयोग करते हैं ऐसे लोगों को प्रकाश की उपयोग के बारे
में ठीक से पता नहीं होता है या जान के भी अनजान बनने की कोशिश करते हैं ऐसे अवस्था
में लाइट के दुरुपयोग से बचने के लिए उन इलाकों में लाइट को पूर्ण प्रतिबंध कर देना
चाहिए ताकि लाइट के दुरुपयोग से बचा जा सके।
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