मृदा प्रदूषण क्या है इसके कारण प्रभाव और नियंत्रण के उपाय? | Soil Pollution Hindi

मृदा प्रदूषण किसे कहते हैं | soil pollution in hindi

 

जब शुद्ध मिट्टी में प्राकृतिक और कृत्रिम प्रक्रिया के द्वारा विभिन्न प्रकार की रसायनिक तत्व, लवण, खनिज तत्व, कार्बनिक पदार्थ, अकार्बनिक तत्व, विषैली गैस, प्रदूषित जल एवं रेडियोधर्मी तत्व इतियादी मिलकर शुद्ध मिट्टी के निश्चित अनुपात को अनिश्चित अनुपात में परिवर्तित कर देते हैं।  जिससे मिट्टी की प्राकृतिक गुणधर्म, संरचना परिवर्तित होने लगती हैं, उसे मृदा प्रदूषण कहा जाता है।

मिट्टी पृथ्वी के ऊपरी सतह  वह महत्वपूर्ण भाग होता है जिसमें वायु , पानी , कार्बनिक व अकार्बनिक पदार्थ मिले हुए होते हैं, जिस पर पेड़ पौधे वनस्पति उगते हैं और इन पेड़ पौधे और वनस्पति के माध्यम से जंतुओं को पोषण और खाद्य मिलता है। अर्थात मिट्टी में जीव धारियों के लिए जीवन संभव हो पाता है पेड़ पौधों, जीव धारियों को भोजन, प्राकृतिक आवास प्राप्त होता है उसे मिट्टी कहा जाता है।

मृदा प्रदूषण के कारण और उपाय
मृदा प्रदूषण के कारण क्या है


परंतु आज के आधुनिकीकरण और शहरीकरण के कारण जनसंख्या वृद्धि बहुत तेज गति से हो रही है जिसके कारण मिट्टी पर खाद्य पदार्थों की पैदावार का दबाव बढ़ते जा रहे हैं बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए खाद्य पदार्थों को पूरा करने के लिए अधिक फसल पैदावार के लिए मनुष्य द्वारा कृषि कार्य के समय अनेक कवकनाशी कीटनाशक रसायनिक खाद रसायनों का प्रयोग बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है जिसके कारण धीरे-धीरे कृषि भूमि की उर्वरता कम होती जाती है। साथ ही साथ औद्योगिकीकरण के कारण अनेक विषैले तत्व जैसे सल्फर डाई ऑक्साइड नाइट्रस ऑक्साइड अमली वर्षा के माध्यम से मृदा में मिल जाती है। वैसे ही तापी संयंत्र से निकलने वाली फ्लाई एस एवं राख हवा और पानी के माध्यम से मृदा में मिलती जाती है। शहरीकरण के सीवेज से निकलने वाली मल मूत्र पानी के माध्यम से मिट्टी में मिलती जाती है। प्लास्टिक और रासायनिक कचड़े भी हवा और पानी के माध्यम से मिट्टी में मिलती जाती है। औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाली विषैले रसायनिक तत्व पानी और हवा के माध्यम से मिट्टी में मिलती जाता है। अर्थात मृदा के एक निश्चित अनुपात में विकृति आना शुरू हो जाता है जिसे मृदा के संरचना में परिवर्तन होता है। और इसे ही मृदा प्रदुषण के नाम से जाना जाता है।

 

मृदा प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है? | Causes of Soil Pollution

 

1. ठोस कचरे के कारण मृदा प्रदूषण  | Soil pollution due to solid waste

औद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण मनुष्य द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले ठोस कचरे का उचित प्रबंधन और निपटारा नहीं किया जाता है। तो उसके कारण मृदा प्रदूषण होता है, ठोस कचरे के अंतर्गत प्लास्टिक चमरा रबड़ ब्रिक्स कागज इत्यादि के सड़ने, गले और जलने से जो विषैले खनिज तत्व, रसायनिक तत्व उत्पन्न होते हैं वह किसी न किसी रूप में मृदा में मिल जाते हैं जिससे मृदा प्रदूषण होता है।

 

2. मल मूत्र के कारण मृदा प्रदूषण | Soil pollution due to faecal urine

आज के आधुनिक दुनिया में बढ़ती हुई आबादी के कारण शहरों में सीवेज की बड़ी समस्या उत्पन्न हुए हैं शहरों से निकलने वाली सीवेज में इतना अधिक मल मूत्र होता है अगर इसका उचित प्रकार से निपटारा नहीं किया जाता है तो यह पानी के माध्यम से मृदा में फैलने लगती है इन मल मूत्रो में अनेक प्रकार के विषैले पदार्थ होते हैं जो मृदा में मिलकर मृदा में विषैले तत्वों के सांद्रण को बढ़ा देता है जिससे मृदा प्रदूषण होता है।

 

3. वनों के विनाश के कारण मृदा प्रदूषण | Soil pollution due to destruction of forests

जब हम अत्यधिक मात्रा में वनों की कटाई करते हैं या वनों आग लगने के कारण मरुस्थलीकरण बढ़ते जाता है जिसके कारण जब बारिश या नदियों द्वारा मृदा का तीव्र गति से अपरदन होने लगता है इस अपरदन के कारण अनेक खनिज कार्बनिक अकार्बनिक दूषित पदार्थ जल के माध्यम से मृदा में धुलने लगते हैं, जिसे  मृदा की वास्तविक संरचना में विषैले खनिज पदार्थों कार्बनिक अकार्बनिक पदार्थ मिश्रित हो जाता है जो मृदा प्रदूषण का कारण बन जाता है।

 

4. घरेलू व्यर्थ पदार्थों से मृदा प्रदूषण  | Soil pollution from domestic wastes

आमतौर पर घर में प्रयोग की जाने वाली कार्बनिक या अकार्बनिक पदार्थों के कारण मृदा प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है उदाहरण के तौर पर घर में प्लास्टिक इलेक्ट्रॉनिक्स कपड़े डिटेक्शन शैंपू साबुन जैसे अनेक घरेलू पदार्थ को उपयोग करते हैं और पानी में खुलकर सीवेज के माध्यम से नदी नालों में पहुंच जाती है नदी नालों में पहुंचने के बाद यह प्रदूषण खेत खलिया तक पहुंचती है और धीरे-धीरे मृदा में प्रदूषित पदार्थों का सांद्रण बढ़ते जाता है जिससे मृदा प्रदूषित हो जाती है।

 

5. अम्लीय वर्षा के कारण मृदा प्रदूषण | Soil pollution due to acid rain

आज के आधुनिक दुनिया में अत्यधिक औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के कारण उद्योगों की ओर से निकलने वाली विषैली गैस कार्बन डाई ऑक्साइड सल्फर डाई ऑक्साइड नाइट्रस ऑक्साइड कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे अनेक गैस निकलती है साथ ही साथ वाहनों के द्वारा निकलने वाली विषैली गैसों में सल्फर डाई ऑक्साइड नाइट्रस ऑक्साइड अमोनिया जैसे विषैले गैस निकलती हैं जो वातावरण से नमी पाकर सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल  जैसे अम्ल बनाते हैं और यह वर्षा के दिनों में वर्षा के माध्यम से धरातल पर गिरते हैं सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल की सांद्रण की वजह से भूमि में अम्लीयता बढ़ती जाती है जिससे बहुत अधिक मात्रा में भूमि प्रदूषण होता है।

 

6. कृषि कार्यों से भूमि प्रदूषण | Land pollution from agricultural activities

बढ़ती हुई आबादी के भोजन व्यवस्था के लिए किसानों पर अधिक दबाव बढ़ता है जो अधिक से अधिक फसल की पैदावार के लिए अनेक प्रदूषित कीटनाशकों कवकनाशी रसायनिक खाद और रसायनों का प्रयोग करते हैं जो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से मृदा में प्रवेश कर जाती है यह मृदा प्रदूषण के साथ-साथ खाद्य श्रृंखला को भी बहुत अधिक नुकसान पहुंचाती है अधिक रसायनों का मृदा में प्रयोग करने से मृदा अम्लीय हो जाती है जिससे आगे चलकर मृदा की उर्वरा शक्ति खत्म हो जाती है और उस मृदा में ठीक से फसल का उत्पादन नहीं हो पाता है यह मृदा के स्वस्थ लिए बहुत हानिकारक होता है।

 

7. खनिज उत्खनन से मृदा प्रदूषण | Soil pollution due to mineral extraction

औद्योगिकीकरण के कारण अनेक खनिजों जैसे कोयले लोहा ताम्बा टिन पेट्रोलियम डोलोमाइट चुना अभ्रक पत्थर इतियादी का उत्खनन कार्य किया जाता है जिससे अधिक से अधिक मात्रा में खनिज निकाला जाता है लेकिन खनिज निकालते समय ठीक से सावधानी नहीं बरती जाती है जिसके कारण खनिज के रवे या टुकड़ा भूमि में गिरने लगते हैं और यह बारिश के दिनों में या हवा के माध्यम से किसी और भूमि क्षेत्र में चले जाते हैं जिससे उन क्षेत्रों की भूमि में अम्लियत या क्षारीयता बढ़ती जाती है और वह भूमि उपयोग के लायक नहीं रह जाता है क्योंकि उस भूमि में धातु कार्बनिक अकार्बनिक पदार्थों की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है।

 

8. उद्योगों की निष्कासित पदार्थों से भूमि प्रदूषण | Land pollution from industrial exhaust

औद्योगिकीकरण के कारण अनेक उद्योग में बहुत प्रदूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं जैसे कि चमड़ा उद्योग कपड़ा उद्योग ताप संयंत्र इस्पात संयंत्र बॉक्साइट संयंत्र चुना उद्योग प्लास्टिक उद्योग कांच से निर्मित उद्योगों इत्यादि से बहुत प्रदूषित पदार्थ बाहर  निकलते हैं जिसका प्रबंधन और निपटारा ठीक से नहीं किया जाता है और ऐसे ही प्रदूषित पदार्थ को भूमि में छोड़ दिया जाता है जिससे धीरे-धीरे भूमि में विषैले पदार्थों का मिश्रण बढ़ते जाता है और इन विषैले पदार्थों के सांद्रण बढ़ने से भूमि बहुत अधिक प्रदूषित हो जाती है इस भूमि में मरुस्थलीकरण जैसे घटनाएं घटने लगती है और साथ ही साथ इस भूमि में वनस्पति और कृषि कार्य नहीं किए जा सकते हैं क्योंकि यहां बहुत अत्यधिक मात्रा में प्रदूषित होती है।

 

9. जैविक पदार्थों से भूमि प्रदूषण | Land pollution by organic matter

आज के आधुनिक दुनिया में मनुष्य अपनी सुख सुविधाओं और स्वास्थ्य के लिए अनेक जैविक पदार्थों का उपयोग करता है जिसके कारण भूमि प्रदूषण बढ़ जाता है उदाहरण के तौर पर रेस्टोरेंट घरेलू पदार्थ अस्पतालों में अनेक तरह के जैविक पदार्थ जैसे एंटीबायोटिक दवाओं इंजेक्शन टॉनिक कीटनाशक सेल्य चिकित्सा अपमार्जक पेंट वार्निश ग्लिसरीन इत्यादि उपयोग किए जाते हैं लेकिन इसके वेस्टेज का ठीक से प्रबंधन और निस्तारण नहीं किया जाता है। इन जैविक पदार्थों को खुले जमीन पर किसी दूर जगह में छोड़ दिया जाता है जिसके कारण इन जैविक पदार्थों के विषैले तत्व मृदा में मिलने लगते हैं जिससे वह मृदा प्रदूषित हो जाती हैं।

 

10. नाभिकीय विस्फोटों और परिक्षण से भूमि प्रदूषण | Land pollution from nuclear explosions and testing

आज के आधुनिक दुनिया में हथियारों परमाणु की बमो मिसाइलों का होड़ लग गया है प्रत्येक देश अधिक से अधिक नाभिकीय हथियारों को अपनाने की कोशिश करता है इन सभी हथियारों के परीक्षण के लिए भूमि का उपयोग किया जाता है जब इन भूमि में नाभिकीय विस्फोटों और परिक्षण किया जाता है तो उसे निकलने वाली रेडियोधर्मी रेडिएशन के कारण भूमि में अधिक मात्रा में रेडिएशन मिश्रित हो जाती है जिसके कारण भूमि किसी योग्य नहीं रहता है ना ही इसमें किसी प्रकार की वनस्पति उगाई जा सकती है ना इसे कृषि कार्य करने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है ना ही इसमें किसी तरह की आवास की स्थापना की जा सकती हैं यह भूमि पूर्णता अनुपयोगी हो जाती है।

 

 

मृदा प्रदूषण के प्रभाव | Effects of Soil Pollution

 

1. मृदा प्रदूषण के कारण खाद्य श्रृंखला को नुकसान | Damage to the food chain due to soil pollution

कृषि की उपज बढ़ाने के लिए किसानों के द्वारा अनेक उर्वरकों के रूप में कीटनाशक कवक नाशक रसायनिक खाद और रसायनों का अत्यधिक मात्रा में प्रयोग करने से खाद्य पदार्थ दूषित हो जाते हैं उदाहरण के तौर पर बेंजीन हेक्सा क्लोराइड डीडीटी सल्फर के क्लोराइट जैसे विषैले दवाइयों के प्रयोग से फसल उत्पादन में नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगते हैं जो खाद्य श्रृंखला में विषैले तत्व के सांद्रण को बढ़ा देता है जिसे प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से वनस्पति जानवर मनुष्य प्रभावित होते हैं और इन के कारणों से अनेक तरह की बीमारियां उत्पन्न होने लगती है इस प्रकार के प्रयोग से खाद्य श्रृंखला असंतुलित हो जाती है जो मानव जाति और पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक है।

 

2. भूमि प्रदूषण से जैव विविधता को नुकसान | Loss of biodiversity from land pollution

भूमि प्रदूषण के प्रभाव के कारण जैव विविधता को गंभीर नुकसान पहुंचता है जब मिट्टी में कृषि कार्य करते समय अत्यधिक मात्रा में कीटनाशक कवकनाशी और आदि  रसायनों का उपयोग किया जाता है वैसे ही औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले जहरीले अपशिष्ट पदार्थ, परमाणु विस्फोटों से बनने वाले रेडियोधर्मी पदार्थ, शहरीकरण के कारण से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को मिट्टी धीरे-धीरे अवशोषित करती है तो उस मिटटी की संरचना में परिवर्तन होने लगता है इस परिवर्तित संरचना के कारण उस मिट्टी में वनस्पतियों का विकास नहीं हो पाता है न हीं भूमि में कृषि योग्य रह पाती हैं ना ही वह भूमि किसी के आवास के लिए उपयोगी होता है इसलिए इस भूमि में वन्य जीव जंतु अपना आवास नहीं बना पाते हैं ना ही मनुष्य प्रदूषित भूमि का उपयोग कर पाता है जिसके कारण जैव विविधता मैं बहुत भारी नुकसान होता है।

 

3. मृदा प्रदूषण से भूमि का मरुस्थलीकरण | Desertification of land due to soil pollution

मनुष्य अपनी भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनेक प्रकार के विषैले खनिज तत्व लवण कार्बनिक पदार्थ का उपयोग करता है जो अंततः भूमि में मिश्रित हो जाता है जिसके कारण जैव विविधता को हानि होती है पर्यावरण की उत्पादन क्षमता कम हो जाती है इन विषैले तत्वों के मिश्रण से भूमि में निरंतर उत्पादकता कम होती जाती है जिसके कारण भूमि मरुस्थलीकरण में परिवर्तन होना शुरू हो जाता है उदाहरण के तौर पर औद्योगिक कचरे परमाणु विस्फोट और परीक्षण से निकलने वाले रेडियोधर्मी कृषि कार्य के लिए उपयोग होने वाले रसायनों इत्यादि के माध्यम से भूमि अत्यधिक मात्रा में प्रदूषित होती है जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति लगातार कम होती जाती हैं और अंततः वह मरुस्थलीकरण में परिवर्तित हो जाता है।

 

4. मृदा प्रदूषण से स्वास्थ्य को नुकसान | Harm to health from soil pollution

मृदा के प्रदूषण से निश्चित तौर पर वन्य जीव वनस्पति तथा मानव सभ्यता को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान होता है मृदा प्रदूषण और स्वास्थ्य दोनों का अंतर संबंध होता है क्योंकि मृदा में उगने वाले पेड़ पौधे के माध्यम से जीव जंतु और मनुष्य अपनी पोषक तत्वों की पूर्ति करते हैं लेकिन अगर मृदा ही प्रदूषित हो गई तो उस में उगने वाले पोषक तत्व में भी प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जाती है अंततः यह जीव जंतु और मनुष्य के लिए बहुत हानिकारक सिद्ध होता है उदाहरण के तौर पर मृदा में मौजूद विषाक्त तत्व में आर्सेनिक मरकरी सल्फेड रेडियो एक्टिविटी तथा अन्य रसायनों का सांद्रण मृदा से होकर पोषक तत्व में पहुंच जाती है जिससे मनुष्य के स्वास्थ्य के साथ-साथ जीव जंतुओं के स्वास्थ्य में भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिसके कारण मनुष्य में अनेक तरह की बीमारियां उत्पन्न होती है उदाहरण के तौर पर कैंसर ल्यूकेमिया पाचन शक्ति का हास्य किडनी और लीवर में मरकरी की मात्रा बढ़ जाना जैसे अनेक बीमारियां मनुष्य में होना शुरू हो जाता है।

 

5. मृदा प्रदूषण से भू जल प्रदूषण | Ground water pollution from soil pollution

आज के आधुनिक दुनिया में औद्योगिकीकरण रसायनिककरण प्रौद्योगिकीकरण कृषि में उपयोग होने वाले रसायनों शहरीकरण के सीवेज से निकलने वाले विषैले पदार्थ खनिज तत्व लवण कार्बनिक अकार्बनिक पदार्थों का मिश्रण जैविक प्रदूषण के कारण मिट्टी में अनेक विषैले तत्व मिश्रित हो जाते हैं और यह सभी तत्व वर्षा के जल के माध्यम से या नदियों के माध्यम से भूजल में प्रवेश कर जाते हैं जिससे भूजल में आर्सेनिक सल्फर बेंजीन यूरेनियम रेडियोएक्टिव तत्व पहुंचकर भूजल के पानी को जहरीले बना देते हैं जो मनुष्य के उपयोग के लायक नहीं होता है भूजल में मिश्रित विषैले तत्वों के कारण भूजल पूरी तरह से प्रदूषित हो जाती है जो अत्यंत चिंता का विषय है।

 

मृदा प्रदूषण को रोकने के उपाय | 10 ways to reduce soil pollution

 

1. कृषि कार्य में उपयोग होने वाले कीटनाशक कवक नाशक रसायनिक खाद और रसायनों की जगह जैविक खाद जैविक दवाई जैविक पदार्थों का उपयोग करना चाहिए ताकि मृदा को अधिक संतुलित और प्राकृतिक बनाए जा सके, जिसे मिट्टी अपनी उर्वरता ना खोये।

 

2. उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों को ठीक से प्रबंधन एवं निस्तारण करना चाहिए जिससे उद्योग से निकलने वाले विषैले पदार्थ से मिट्टी को बचाया जा सके।

 

3. वृक्षारोपण को अधिक से अधिक महत्व देना चाहिए जिससे मृदा के अपरदन से बचा जा सके साथ ही साथ अधिक वृक्षारोपण से पर्यावरण में स्वच्छता और संतुलन बढ़ता है यह मृदा के उर्वरकता के वृद्धि करने में सहायक सिद्ध होता है इसलिए अधिक से अधिक मृदा में वृक्षारोपण करना चाहिए।

 

4. प्लास्टिक थैली को मृदा में फैलने से बचाना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर प्लास्टिक की चीजों को सरकार द्वारा बैन कर देना चाहिए क्योंकि प्लास्टिक सड़ने में कम से कम 500 वर्ष लग जाता है यह मृदा में चली जाती है तो मृदा में वायु और पानी के रिसन, अंतःस्रवण को कम कर देता है जो मृदा प्रदूषण को बढ़ाता है इसलिए प्लास्टिक थैलियों को कम से कम उपयोग करें या बैन कर देना चाहिए।

 

5. ठोस कचरे का पुनर्चक्रण करके उपयोगी पदार्थ बनाए जाना चाहिए जिससे ठोस कचरे का कम से कम उपयोग किया जा सके।

 

6. ठोस अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग गड्ढों की भराई किया जाना चाहिए और प्लास्टिक पदार्थों का रीसाइक्लिंग करके कोलतार के साथ मिक्स करके सड़क निर्माण के लिए उपयोग करना चाहिए ताकि मृदा में ठोस अपशिष्ट पदार्थ और प्लास्टिक पदार्थों को फैलने से बचाया जा सके।

 

7. कृषि कार्य में कम से कम कीटनाशक कवक नाशक रासायनिक खाद तथा रसायनों  का प्रयोग करना चाहिए ताकि मृदा को इन विषैले रसायनों से बचा जा सके।

 

8. मनुष्य और जीव जंतुओं की मल मूत्र का उचित निपटारा किया जाना चाहिए जिससे मनुष्य और जीव-जंतुओं की मल मूत्र को फैलने से बचाया जा सके और यह मृदा में प्रवेश ना करें।

 

9. कृषि कार्यों में अधिक से अधिक फसल चक्र को अपनाना चाहिए क्योंकि फसल चक्र को अपनाने से मृदा में उर्वरा शक्ति बढ़ती जाए साथ ही साथ फसलों के उत्पादन में भी वृद्धि होती है और यह मृदा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

 

10. मृदा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए वाहनों और औद्योगिक से निकलने वाली विषैली गैसों का प्रबंधन एंड निस्तारण सही तरीके से करना चाहिए ताकि वायुमंडल में सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रस ऑक्साइड ना पहुंच सके क्योंकि सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रस ऑक्साइड के कारण ही अम्लीय वर्षा होती है जो मृदा प्रदूषण के प्रमुख कारण बनता है अगर कम से कम सल्फर डाई ऑक्साइड नाइट्रस ऑक्साइड के उत्पादन वाले पदार्थों का उपभोग करेंगे तो मृदा प्रदूषण को कम किया जा सकता है। 


इन्हें भी पढ़े -

जैव विविधता के नुकसान के 15 प्रमुख कारण

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- अर्थ, लाभ, नुकसान, उपयोग

वनों की कटाई को नियंत्रित करने के 10 तरीके

रेडियोधर्मी प्रदूषण को नियंत्रित करने के 10 तरीके

रेडियोधर्मी प्रदूषण -  अर्थ, स्रोत एवं प्रभाव

वायु प्रदूषण - अर्थ, कारण, प्रभाव, रोकथाम एवं निवारण

प्रकाश प्रदूषण - अर्थ, कारण, प्रभाव एवं उपाय

ATP क्या है - ATP का निर्माण, ATP full form , सूत्र,  प्रमुख कार्य

20 वैश्वीकरण का प्रभाव

भारत के प्रमुख बंदरगाह

बेरोजगारी के 8 प्रकार

अर्थव्यवस्था के 5 क्षेत्र

परमाणु ऊर्जा के लाभ और हानि

सौर कुकर के 7 लाभ

प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले 10 कारक

श्वसन क्या है

श्वसन के प्रकार

सौर ऊर्जा के 15 लाभ

ज्वालामुखी उद्गार से कौन-कौन सी गैस निकलती है

महानदी कहां से निकला है

स्थल-रुद्ध देश

महासागरीय धाराएं

स्थानांतरित कृषि

काली मिट्टी - काली मिट्टी का निर्माण,  रंग , pH मान, विशेषता

लाल और पीली मिट्टी

जलोढ़ मृदा

संयुक्त राष्ट्र संघ का उद्देश्य क्या है

सरस्वती सम्मान पुरस्कार

महिलाओं के लिए संवैधानिक प्रावधान

भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियां

अनुच्छेद 16

समानता का अधिकार

भारत सरकार अधिनियम 1858

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ