काली मिट्टी किसे कहते हैं | black soil in hindi
काली मिट्टी किसे कहते हैं |
काली
मिट्टी का निर्माण कैसे होता है | black soil formation
काली
मृदा के प्राकृतिक रंग के कारण इस मृदा को काली मृदा कहा जाता है, इस मृदा को लावा
मृदा भी कहा जाता है, जब पृथ्वी के भूगर्भ से ज्वालामुखी का उदगार होता है, तो पृथ्वी
के धरातल में ज्वालमुखी का लावा और मैग्मा का निक्षेपण होने लगता है, जिससे आग्नेय
चट्टानों का निर्माण अत्यधिक ठोस रूप में होने लगता है, इन चट्टानों में मुख्यतः ग्रेनाइट,
गैब्रो और बेसाल्ट पाए जाते है। लेकिन समय के कलक्रम में इस ठोस चट्टानों का धीरे धीरे
जल, वायु, और गुरुत्वाकर्षण बल के मध्यम से अपक्षय और अपरदन होने लगता है। जिसे काली
मृदा का निर्माण होता है।
काली मिट्टी का रंग काला क्यों होता है | why black soil is black in color
काली मृदा के रासायनिक गुणों का आकलन किया जाये तो, इसमें लौह, चूना, मैग्नीशियम तथा एलुमिनियम तत्व काफी मात्रा में पाए जाते हैं, साथ ही साथ इस मृदा में पोटाश, कैल्सियम और मैग्नेशियम की भी मात्रा पाई जाती है, लेकिन इस काली मृदा में नाइट्रोजन, फास्फोरस और जैव पदार्थ की कमी होती है, काली मृदा का प्राकृतिक रंग काला इसमें उपस्थित टिटेनीफेरस मैग्नेटाइड एंव जीवांश के कम उपस्थिति के कारण होता है। इस मिटटी का रंग काले रंग या स्लेटी रंग के बीच विभिन्न अवस्थाओं में होता है।
काली
मिट्टी का pH मान | black soil ph value
काली मिट्टी अपने क्षारीय गुण के कारण इसके pH मान का आकलन किया जाये तो यह 7.2 से 8.5 के बीच होता है
काली मिट्टी की विशेषताएं | characteristics of black soil
यह
मृदा समूह की महत्वपूर्ण मृदा है, काली मृदा को रेगुर या कपास वाली काली मिट्टी भी
कहा जाता है। सामान्यता काली मृदा अपारगम्य, गहरी और मृण्मय प्रकृति की होती है। इस
मृदा में क्ले की मात्रा अधिक होती है, यह मिट्टी जल को धीमी गति से अवशोषित करती है,
इस कारण यह मृदा गीली होने से फूल जाती है, और चिपचिपा हो जाती है, इस मिटटी में नमी
अधिक समय तक बनी रहती है, लेकिन सूखने पर मिट्टी में चौड़ी दरारें आ जाती है, इसका कारण
मिट्टी का सिकुड़ना होता है, इस मिटटी को सूखने पर देखे से ऐसा प्रतीत होता है, जैसे
इसकी स्वतः जुताई हुए हो, इस मृदा में क्ले की अधिक मात्रा होने के कारण पानी रोकने
की क्षमता अत्यधिक होती है।
भारत में काली मिट्टी कहां पाई जाती है | where is black soil found in india
भारत में काली मृदा का निर्माण दक्कन ट्रैप में लावा के उत्सर्जन से हुआ है, अर्थात लावा के अपक्षय और टूटने फूटने से निर्मित हुआ है, भारत में काली मृदा का विस्तार दक्कन के पठार के अधिकांश भाग में हुआ है, भारत के कुछ राज्यों में जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड में राजमहल की पहाड़ियों और तमिलनाडु के कुछ भाग में काली मृदा पाई जाती है। वही गोदावरी और कृष्णा नदी के दोआब क्षेत्र के ऊपरी भाग और दक्कन पठार के उत्तर पश्चिम भाग और मालवा के पठार में गहरी काली मृदा विस्तृत रूप से पाई जाती है। अगर भारत की दृष्टि से काली मृदा का विस्तार देखा जाए तो महाराष्ट्र में सबसे अधिक है।
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