20 वैश्वीकरण का प्रभाव || Impact of Globalisation

वैश्वीकरण को प्रभावित करने वाले कारक || Factors Affecting Globalization



वैश्वीकरण विभिन्न आयामों से प्रभावित होने वाली ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें संपूर्ण विश्व आर्थिक सामाजिक राजनीतिक सांस्कृतिक के माध्यम से विभिन्न देश एक दूसरे देश की गतिविधियों से प्रभावित होती है, जैसे कि आर्थिक गतिविधि से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में परिवर्तन होता है, सामाजिक दृष्टिकोण से सामाजिक वेशभूषा विचारों का आदान-प्रदान तथा संस्कृति संस्कृतिक व्यवहारों में परिवर्तन देखने को मिलता है, वैसे ही  राजनीतिक कारणों से विभिन्न देश एक दूसरे के राजनीतिक पहलू को प्रभावित करने लगती है, पर्यावरण गतिविधि के कारण पर्यावरण जलवायु और मौसम में परिवर्तन होने लगता है, और आपस में एक दूसरे देश मिश्रित संस्कृति मिश्रित अर्थव्यवस्था मिश्रित राजनीति के समीप आने लगते हैं, आधुनिक समय में वैश्वीकरण के कारण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सामाजिक एवं संस्कृतियों का आदान-प्रदान तकनीकी शिक्षा का प्रसार पूंजी प्रवाह जैसे अनेक आयामों में परिवर्तन देखने को मिलता है। और इसी आयामों को वैश्वीकरण की संज्ञा दिया गया

जैसे सिक्के के दो पहलू होते हैं वैसे ही वैश्वीकरण को प्रभावित करने वाले कारक भी दो प्रकार के हो सकते हैं सकारात्मक वैश्वीकरण और नकारात्मक वैश्वीकरण इन प्रभाव को क्रमबद्ध अध्ययन करते हैं

 

वैश्वीकरण के सकारात्मक प्रभाव || Positive Effects of Globalization

 

1. संसाधनों का उचित एवं बेहतर प्रयोग

आधुनिक वैश्वीकरण के प्रभाव के कारण के कृतिम और प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग होता है इसके माध्यम से संसाधनों का प्रबंधन किया जाता है दुनिया के कई अल्पविकसित देश अपने संसाधनों का उत्खनन नहीं कर पाते हैं क्योंकि उन देशों के पास पर्याप्त मात्रा में पूंजी की व्यवस्था नहीं होती है वैश्वीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके कारण संसाधनों का उत्खनन एवं दोहन विश्व के कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा आसानी से किया जाता है जिससे उचित मात्रा में उस अल्पविकसित देश को उचित मात्रा में उस संसाधन के बदले पूंजी प्राप्त होती है और इसका परिणाम यह होता है कि वह अल्पविकसित देश विकास की ओर बढ़ते जाता है साथ ही साथ उन संसाधनों का समुचित प्रयोग से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बढ़ोतरी होती है और वर्तमान परिस्थिति और मांग को उन संसाधनों के माध्यम से पूर्ण किया जाता है।

 

2. मनुष्य के जीवन स्तर में वृद्धि

आधुनिक दुनिया में वैश्वीकरण के कारण विश्व व्यापार में वृद्धि बढ़ते जाते हैं, साथ ही साथ अच्छे रोजगार भी प्राप्त होते हैं।  इससे व्यक्तियों की आमदनी में भी वृद्धि होती जाती है। जिससे व्यक्ति बाजार में क्रय शक्ति में वृद्धि करता है, वह अपने उपभोग क्षमता में वृद्धि करता है, इस वृद्धि के कारण व्यक्ति की पूर्ति में पूंजी सहायक सिद्ध होता है। जिससे वह भौतिक संसाधनों का दोहन कर पाता है। और इन भौतिक संसाधनों के कारण वह अपने जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद लेता है, जिससे मनुष्य के जीवन स्तर में वृद्धि होती जाती है।

 

3. वैश्विक परिवार

आज के आधुनिक दुनिया में विश्व को एक परिवार के रूप में देखा जा सकता है, विश्व में कहीं भी कोई घटना घटती है तो दूसरा देश जरूर प्रभावित होता है चाहे वह आर्थिक गतिविधि से हो सांस्कृतिक हो या राजनीतिक गतिविधि से प्रभावित हो सकता है क्योंकि प्रत्येक मनुष्य आज के समय में रोजगार के लिए व्यापार के लिए किसी दूसरे देश में निवास करता है व्यापार करता है इसलिए कह सकते हैं कि विश्व एक वैश्विक फैमिली की ओर आगे बढ़ते जा रहा है।

 

4. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में वृद्धि

वैश्वीकरण के फलस्वरूप विभिन्न देशों की बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बड़ी मात्रा में प्रत्यक्ष पूँजी विदेशों में निवेश की जाती है, जिसके फलस्वरूप अन्तर्राष्ट्रीय निवेश में वृद्धि होती है, इस पूँजी प्रवाह के कारण विश्व में व्यापार बढ़ता है, रोजगार में वृद्धि होती है। इसे खरीदने और उपभोग करने की क्षमता में भी वृद्धि होती है, जिससे उस देश के आर्थिक विकास में तेजी आती है साथ ही अन्य देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विश्व व्यापार संगठन भी बनाया गया है। जो वैश्विक स्तर पर व्यापार को बढ़ावा देने में मदद करता है, यह दुनिया में क्रय शक्ति को बढ़ाता है, जीवन स्तर में सुधार करता है, इसके माध्यम से सामाजिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और तकनीकी शिक्षा का विकास बढ़ता है, वैश्वीकरण ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

 

5. सामाजिक एवं सांस्कृतिक आत्मीयता में वृद्धि

आज के आधुनिक वैश्वीकरण के कारण विभिन्न संस्कृति एवं समाज के रीति रिवाज आपस में एक दूसरे में मिलकर एक नए समाज का निर्माण कर रहे हैं एक नए संस्कृति का निर्माण करते है।  वैश्वीकरण के कारण विभिन्न देशों की संस्कृति और समाजों के बीच में विचारों का आदान प्रदान आसानी से हो पाता है जिससे भेदभाव छुआछूत और समानता गरीबी को खत्म किया जा सकता है जब विभिन्न समाज और संस्कृति आपस में मिलती है तो उन समाज और संस्कृतियों से बेहतर से बेहतर विचारों को अपनाकर मनुष्य अपने जीवन में सुधार करते जाता है जिससे मनुष्य की वैचारिक और भौतिक शक्तियों का विकास होता है यह वैश्वीकरण के लिए गर्व की बात है जिसे सामाजिक और सांस्कृतिक संस्कृति आपस में मिलकर एक वैश्विक कुटुंब परिवार का निर्माण करते जा रही है।

6. आर्थिक विकास में वृद्धि

वैश्वीकरण के कारण अनेक देश आपस में मिलजुल जाते हैं जिससे बाजारों में प्रतिस्पर्धा उत्पन्न होती है और इन बाजारों के कारण अनेक औद्योगिक करण का विकास होता है जिससे रोजगार शिक्षा स्वास्थ्य आधारभूत संरचना परिवहन संचार इत्यादि की जरूरत पड़ती है और इन जरूरतों के कारण इनका ही विकास होते जाता है इन सभी क्षेत्रों में निरंतर विकास होने से आर्थिक विकास तेजी से वृद्धि होती जाती है विश्व के किसी भी देश के विकास के लिए आर्थिक विकास बहुत महत्वपूर्ण योगदान देता है लेकिन बिना पूंजी के आर्थिक विकास हो पाना संभव नहीं हो पाता है इसलिए अनेक देश दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनी बैंकों और औद्योगिकीकरण के माध्यम से पूंजी का निवेश करती है जिससे उस देश की आर्थिक विकास में वृद्धि होती है साथ ही साथ उस देश के माध्यम से अन्य देशों में भी आर्थिक विकास संभव हो पाता है जो आर्थिक विकास की गतिविधियों को बल प्रदान करती है।

7. वैश्वीकरण के कारण गुणवत्ता में सुधार

आज के आधुनिक दुनिया में प्रतिस्पर्धा बढ़ने के कारण गुणवत्ता में पहले से अधिक सुधार बढ़ चुका है। विश्व की बाजार की खुली अर्थव्यवस्था के कारण नए-नए उद्यमों को प्रोत्साहित किया जाता है। जिसके कारण प्रतियोगिता अधिक बढ़ जाती है, और एक ही क्षेत्र में कई तरह के उत्पाद उत्पादन किए जाते हैं, जिससे मार्केट में वर्चस्व बढ़ाने के लिए अनेक कंपनियां अपने गुणवत्ता में सुधार करने के लिए अनेक लोगों से फीडबैक लेकर उत्पाद को बेहतर से बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय रूप से वस्तुओं के निर्माण में गुणवत्ता सुधार का कार्य करता है।

8. संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी का विकास

वैश्वीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके कारण आज के आधुनिक दुनिया में बिना संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के बात नहीं कर सकती संचार और सूचना प्रौद्योगिकी ने विश्व को एक कमरे में बंद कर दिया है अर्थात हम आसानी से संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपनी बात को किसी और तक प्रेषित कर सकते हैं सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के अंतर्गत मोबाइल टेलीविजन लैपटॉप सेटेलाइट कंप्यूटर इंटरनेट टेबलेट इत्यादि सूचना और संचार में क्रांति ला दी बहुत सारी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के माध्यम से ही या संभव हो पाए हैं लेकिन इसके पीछे मुख्य कारण विश्व में वैश्वीकरण के प्रभाव के कारण ही हो पाया है।

 

9. रोजगार की उपलब्धता में वृद्धि

आधुनिक दुनिया में वैश्वीकरण के कारण अर्थव्यवस्था में वृद्धि हुई है, जिससे बाजार कंपनी, औद्योगिकरण का विकास हुआ है, जो बहुत अधिक मात्रा में श्रम की मांग करता है, इस श्रम की मांग की वृद्धि के कारण व्यक्तियों में अनेक प्रकार के रोजगार उत्पन्न होने लगे हैं, और यह रोजगार कौशल के विकास को बहुत अधिक महत्व देता है, अर्थव्यवस्था में रोजगार को 5 क्षत्रों में बांटा गया है, प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीय क्षेत्र, तृतीय क्षेत्र, चतुर्थ क्षेत्र और पंचम क्षेत्र के हिसाब से रोजगार में कौशल को महत्व दिया जाता है। वैश्वीकरण के कारण विभिन्न ने देश के लोग अन्य देशों में जाकर रोजगार को प्राप्त करते हैं, और इसके वजह से एक अच्छी वेतन को भी प्राप्त करते हैं, वैश्वीकरण ने रोजगार में लगातार वृद्धि किया है।

 

10 . राष्ट्रों के बीच निकटता और एक दूसरे के लिए परस्पर निर्भरता

विश्व के विभिन्न राष्ट्र वैश्वीकरण प्रक्रिया के कारण आपस में एक दूसरे से जुड़ रहे हैं इसके पीछे आर्थिक राजनीतिक सांस्कृतिक वैचारिक तकनीकी जैसे कारक कार्य कर रहे है , विभिन्न राष्ट्र में विभिन्न देशों की मानव समूह आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जैसे कि व्यापार रोजगार उच्च शिक्षा इत्यादि के माध्यम से जुड़ते जा रहे हैं जिसके कारण विभिन्न राष्ट्रों में समन्वय और सहयोग की भावनाएं उत्पन्न हो रही है और विभिन्न राष्ट्र एक दूसरे पर आश्रित होते जा रहे हैं यह जुड़ाव विभिन्न राष्ट्रों के बीच निकटता और एक दूसरे राष्ट्रों पर परस्पर निर्भर होने के लिए बाध्य कर रही है।

 

वैश्वीकरण के नकारात्मक प्रभाव || Negative Effects of Globalization

 

1.पर्यावरण एवं जीव जंतुओं को नुकसान

कभी-कभी वैश्वीकरण पर्यावरणीय असंतुलन को जन्म देती है विश्व के अनेक देश औद्योगिकीकरण के माध्यम से विभिन्न उत्पादों और वस्तुओं का उत्पादन करते हैं और अपने बाजार के रूप में अल्प विकसित देशों को चयन करते हैं जिससे अल्प विकसित देशों में औद्योगिक कचरा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण प्लास्टिक इत्यादि की समस्याएं बढ़ती जाती है बहुराष्ट्रीय कंपनियां तनी भी नहीं सोचती है अपने लाभ कमाने के लिए वे पर्यावरण के साथ दुर्व्यवहार करते हैं जैसे जंगल की कटाई पर्वत नदी नाले झीलें इत्यादि को समाप्त करने की कोशिश करते हैं ताकि विकसित देशों की बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके इससे पर्यावरण को भारी नुकसान होता है।

 

2. प्राकृतिक आवासों को नुकसान

आज वैश्वीकरण के कारण शहरीकरण में दिन-प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है शहरों का आकार बढ़ता ही जा रहा है इन बढ़ते हुए शहरों के लिए जमीन की आवश्यकता होती है इसके लिए वनों की कटाई की जाती है तथा जीव जंतुओं के आवास को नुकसान पहुंचाया जाता है जीव जंतुओं के प्राकृतिक आवास को धीरे-धीरे शहर में तब्दील कर दिया जाता है जिसका परिणाम यह होता है कि जीव जंतुओं का प्राकृतिक आवास विनाश की कगार में चली जाती है और अंततः वह समाप्त हो जाता है वैश्वीकरण के कारण प्राकृतिक आवासों को भारी नुकसान होता है।

 

3. आतंकवाद को बढ़ावा

वैश्वीकरण ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी को बहुत बल प्रदान किया है लेकिन कुछ लोग इस विज्ञान और प्रौद्योगिकी का गलत उपयोग करके आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं सूचना और प्रौद्योगिकी के माध्यम से एक देश से दूसरे देश के बीच में आसानी से असामाजिक तत्व को विकास करने में मदद मिलता है जिसका परिणाम यह होता है की अनेक जगह में आतंकवाद पनपने लगता है वैश्वीकरण के कारण आतंकवाद गलत तरीकों से अपनी बात को मनवाने के लिए मिसाइल बंदूक जैविक बम  मनी लॉन्ड्रिंग हुमन ट्रैफकिंग जैसे संसाधनों का उपयोग करके किसी अन्य देश को क्षति पहुंचाते हैं जो वैश्वीकरण के लिए नकारात्मक संकेत हैं।

 

4. भ्रष्टाचार में वृद्धि

आज की आधुनिक दुनिया में सूचना और प्रौद्योगिकी का बहुत अधिक मात्रा में उपयोग होता है अगर विज्ञान का सही उपयोग नहीं किया गया तो इसका दुष्परिणाम आने वाली पीढ़ी को भोगना पड़ता है विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आज बहुत सारे लोग भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं वैश्वीकरण ने भ्रष्टाचार को बढ़ाने में मदद किया है। वैश्वीकरण के माध्यम से अनेक लोग आसानी से अपने पैसे को एक देश से दूसरे देश ट्रांसफर कर देते हैं जिससे उस देश की आर्थिक विकास रुक जाता है उस देश में टैक्स की कमी हो जाती है भ्रष्टाचार किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के विकास में सबसे बड़ी बाधा का कार्य करता है बहुराष्ट्रीय कंपनी अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए अल्प विकसित देशों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है जो वैश्वीकरण के लिए एक नकारात्मक क्षति के रूप में कार्य करती हैं।

 

5. क्षेत्रीय बाजारों का पतन

वैश्वीकरण विश्व अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाकर बाजारवाद को जरूर बढ़ावा दिया है लेकिन इससे क्षेत्रीय बाजारों का पतन हो गया है विश्व में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से लोगों के मन में अधिक से अधिक पैसा कमाने की ललक के कारण क्षेत्रीय बाजारों की ओर ध्यान नहीं जाता है बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी उत्पादों और वस्तुओं को बेचने के लिए क्षेत्रीय बाजारों को समाप्त करने की कोशिश करते हैं बहुराष्ट्रीय कंपनियां अधिक गुणवत्ता वाली वस्तुओं को कम दामों में देकर क्षेत्रीय बाजारों को समाप्त कर देते हैं वैश्वीकरण के लिए क्षति का कार्य करती है।

 

6. आय की असमानता में बढ़ोतरी

वैश्वीकरण के कारण लोगों को जरूर रोजगार प्राप्त हुए लेकिन विकसित देश और अल्प विकसित देशों के बीच में आय की असमानता में जमीन आसमान का अंतर है कुछ देश की बहुराष्ट्रीय कंपनियां इतना अधिक पैसा अर्जित कर लेती है कि वह बहुत सारे गरीब राष्ट्र को पालन पोषण कर सकती हैं लेकिन बहुराष्ट्रीय कंपनियां सिर्फ अपने लाभ के लिए कार्य करते हैं जहां विकसित देशों में आय की दर बहुत अधिक होती है वही अल्प विकसित देशों में आय की दर बहुत कम होती है वैसे ही उच्च पद पर आसीन व्यक्तियों की आएगी दर अधिक होती है लेकिन श्रमिक वर्गों की आएगी दर बहुत कम होती हैं वह केवल अपने जीवन निर्वाह के लिए अपने वेतन का उपयोग कर पाते हैं।

 

7. संसाधनों का दुरुपयोग

वैश्वीकरण ने प्राकृतिक एवं कृतिम संसाधनों के दोहन को अत्यधिक मात्रा में बढ़ा दिया है वैश्वीकरण के कारण आसानी से संसाधनों का दोहन किया जा सकता है इसलिए बहुत सारी बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों का अधिक से अधिक मात्रा में दोहन करते हैं से आने वाले भविष्य के लिए खतरा साबित हो सकता है और कुछ ही वर्षों में प्राकृतिक संसाधन खत्म हो जाएंगे वैसे ही कृतिम संसाधनों का अधिक से अधिक उत्पादन पर्यावरण और मानव जाति के लिए नुकसान का कार्य करती है क्योंकि इन संसाधनों को आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता है उदाहरण के तौर पर प्लास्टिक कचरा इलेक्ट्रॉनिक्स ई- वेस्ट जैसे अन्य उत्पादों को आसानी से खत्म करना आसान नहीं होता है।

 

8. क्षेत्रीय संस्कृति का विनाश

आज वैश्वीकरण के कारण अनेक लोग विश्व के अनेक अनेक जगहों पर निवास करते हैं और जहां निवास करते हैं वहीं की संस्कृति को अपनाते जाते हैं और अपनी मूल परंपरा वाली संस्कृति को भूल जाते हैं जिससे क्षेत्रीय संस्कृति का विनाश और पतन होना शुरू हो जाता है वैश्विक संस्कृति के कारण लोगों के रहन-सहन बोलचाल वैचारिक रीति रिवाज में परिवर्तन होने लगते हैं जिससे क्षेत्रीय संस्कृति को बहुत अधिक मात्रा में हानि होती है और धीरे-धीरे क्षेत्रीय संस्कृति का पतन होते जाता है वैश्वीकरण ने लोगों को एक रूम में जोड़ने की कोशिश किया है जिससे लोग अपने आय का अर्जन अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहते हैं परंतु अपनी संस्कृति को नहीं अपनाते हैं अल्प विकसित देश ज्यादातर विकसित देशों की नकल करने लगते हैं उसके रहन सहन परिवेश वेशभूषा को अपनाने की कोशिश करते हैं जिससे अल्पविकसित देश अपनी वास्तविक और क्षेत्रीय संस्कृति को खो देते हैं।

 

9. अल्पविकसित देशों को नुकसान

वैश्वीकरण के कारण अल्प विकसित देशों को अत्यधिक मात्रा में हानि होती है अल्प विकसित देशों के पास अपने संसाधनों के उत्खनन के लिए समुचित मात्रा में पूंजी की कमी होती है और जब विकसित देश अल्प विकसित देश के संसाधनों का उत्खनन करता है तो वह कच्चे पदार्थों को अधिक से अधिक कम दामों में उपयोग करता है जिससे अल्पविकसित देश के आय में कम वृद्धि होती है लेकिन वही विकसित देश उन कच्चे माल को उत्पाद या वस्तु बनाकर जब बाजार में बेचता है तो उस के माध्यम से वह अधिक से अधिक आय का अर्जन करता है विकसित देश अल्पविकसित देश के ऊपर दबदबा बनाने की कोशिश करता है जिससे अल्पविकसित देश के संसाधनों का अत्यधिक मात्रा में दोहन किया जा सके उदाहरण के तौर पर जंगलों की कटाई खनिजों का उत्खनन पर्यावरण को क्षति पहुंचाना जीव जंतुओं का शिकार करना इत्यादि ऐसे कारक है जिसके माध्यम से अल्पविकसित देश को अत्यधिक मात्रा में हानि होती है। जिससे विकसित देशों के माध्यम से अल्पविकसित देशों के ऊपर नव साम्राज्यवाद का उदय होता है और यह अल्प विकसित देशों की स्वतंत्रता अखंडता के लिए हानिकारक साबित होता है।

 

10. पर्यावरण प्रदूषण में वृद्धि

वैश्वीकरण अत्यधिक मात्रा में पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ाया है वैश्वीकरण के कारण प्रौद्योगिकी और विज्ञान के माध्यम से अनेक औद्योगिक कारखानों का निर्माण हुआ है जिससे वायुमंडल में जल प्रदूषण वायु प्रदूषण जल प्रदूषण खाद्य प्रदूषण इत्यादि जैसे कारण बढ़ते ही जा रहे हैं जो मानव जाति के लिए बहुत ही अधिक नुकसान देहि साबित होगा वैश्वीकरण का अगर समुचित और सही ढंग से उपयोग किया जाए इसका लाभ उठाया जा सकता है लेकिन अगर केवल इससे लाभ के लिए विकसित देशों द्वारा अल्प विकसित देशों पर प्रयोग किया जाए या विदेश विकसित देश अपने नागरिकों के लिए भी वैश्वीकरण का दुरुपयोग करें तो भी इसका नकारात्मक प्रभाव मानव जाति पर पड़ेगा वैश्वीकरण के कारण अनेक युद्ध हुए हैं जिसमें परमाणु बम प्लास्टिक कचरा औद्योगिक कचरा के कारण पर्यावरण और जीव जंतु तथा मानव समूह को अत्यधिक मात्रा में क्षति प्राप्त हुई है वैश्वीकरण पर्यावरण को नकारात्मक रूप से अत्यधिक मात्रा में प्रभावित करती है।


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