सौर ऊर्जा के 15 लाभ | 15 Benefit of Solar Energy

सौर ऊर्जा के फायदे | solar energy benefits in hindi

सौर ऊर्जा से होने वाले लाभ
solar energy benefits


सौर ऊर्जा से अनेक प्रकार के लाभ हो सकते हैं, यह लाभ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह की हो सकते हैं, हम सूर्य के प्रकाश के माध्यम से प्राकृतिक या कृत्रिम दोनों तरह के लाभ प्राप्त कर सकते हैं, आइए जानते हैं, सौर ऊर्जा से जीव जंतु मानव विकास और पृथ्वी के विकास में किस तरह से महत्वपूर्ण हैं, इसके दोनों तरह की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ को जाने की कोशिश करते हैं।

 

सौर ऊर्जा के प्रत्यक्ष लाभ | direct benefits of solar energy

 

1. सौर ऊर्जा पर्यावरण अनुकूल उर्जा है

सौर ऊर्जा को हम सूर्य के प्रकाश के माध्यम से फोटोवॉल्टिक प्लेट के माध्यम से सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करते हैं, और उसके माध्यम से हम ऊर्जा को उत्पन्न करते हैं, यह पर्यावरण के अनुकूल होता है, या किसी तरह से भी पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है, और इसकी तीव्रता बहुत अधिक होती है, हम सूर्य प्रकाश से जब ऊर्जा को अवशोषित करके सौर बैटरी को चार्ज करते हैं, तो हम इसका उपयोग विभिन्न उपकरणों में आसानी से कर सकते हैं, इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं पड़ता है।

 

2. खाना पकाने के लिए किया जा सकता है

सौर ऊर्जा का उपयोग खाना पकाने के लिए किया जा सकता है बहुत सारे क्षेत्रों में सौर चूल्हे का उपयोग करके खाना बनाया जाता है, इससे पर्यावरण को कोई क्षति और नुकसान नहीं होता है, और यह पर्यावरण अनुकूल खाना बनाने में साथ देते हैं।

 

3. बिजली के बिल को कम कर सकते हैं

सौर ऊर्जा के माध्यम से हम बिजली के बिल को कम कर सकते हैं, यदि आप सौर ऊर्जा प्लेट अपने घरों में लगाते हैं, तो उस के माध्यम से आप बहुत सारे इलेक्ट्रिसिटी जनरेट कर सकते हैं, और यह आपके विद्युत की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं, जिससे आपके घर में विद्युत सप्लाई को कम किया जा सकता है, इसका सकारात्मक प्रभाव आपको देखने को मिलेगा।

 

4. दूरस्थ स्थान और पहाड़ी क्षेत्रों में बिजली की सुविधा के लिए उपयोग किया जाता है

दूरस्थ स्थान और पहाड़ी क्षेत्रों में बिजली की सुविधा के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है जहां पर बिजली की सुविधा नहीं पहुंच पाती है ऐसे दूरस्थ स्थान और पहाड़ी क्षेत्रों में आसानी से चॉकलेट के माध्यम से वहां पर बिजली जलाई जा सकती है और वहां के लोगों के लिए यह वरदान साबित होता है

 

5. कृषि में सिंचाई के लिए

सौर ऊर्जा का उपयोग कृषि में सिंचाई पंपों के लिए किया जाता है बहुत सारे ऐसे पंप होते हैं जो सौर सेल के माध्यम से आसानी से भूमिगत जल को बाहर निकालने में मदद करते हैं शोध के माध्यम से कृषि में सिंचाई की सुविधा को रसायन बनाए जा सकते हैं दूरस्थ और गंभीर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के माध्यम से सिंचाई की सुविधा को दुरुस्त किया जा सकता है

 

6. कृषि कार्यों में फेंसिंग के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है

आपने अनेकों जगह ऐसा देखा होगा की फसल की रक्षा के लिए या घर की रखवाली के लिए फेंसिंग के कार्य के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।

 

7. पानी गरम करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है

अधिकतर अपने घरों के ऊपर ऐसे अनेक उपकरण देखे होंगे, जिसके माध्यम से सौर ऊर्जा को उपयोग करके पानी को आसानी से गर्म किया जाता है, यह विद्युत ऊर्जा और जीवाश्म ईंधन की बचत के लिए बहुत बड़ा कारक सिद्ध होता है, इसके माध्यम से आसानी से पानी को गर्म किया जा सकता है।

 

8. सोलर उपग्रह के रूप में उपयोग किए जाता हैं

आज के आधुनिक दुनिया में जब वैज्ञानिकों द्वारा उपग्रह को एक ग्रह से दूसरे ग्रह में अध्ययन करने के लिए भेजा जाता है, तब वहां पर उस उपग्रह को ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इस आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए उपग्रह के अंदर सोलर प्लेट लगाए जाते हैं, इस सोलर प्लेट के माध्यम से वह उपग्रह अपने लिए आवश्यक ऊर्जा को संचित कर पाता है, और वह संचालित होते रहते हैं, जिसके कारण उस उपग्रह की सफलता सुनिश्चित की जाती है।

 

B. सौर ऊर्जा के अप्रत्यक्ष लाभ | indirect benefits of solar energy

 

9. जीव जंतु के जीवन के लिए सौर ऊर्जा की आवश्यकता होती है

पृथ्वी पर जितने भी जी वर्तमान समय में जीवित है, या भविष्य में जीवित रहेंगे या भूतकाल में जीवित थे, सभी जीवो के लिए सौर ऊर्जा अनिवार्य रूप से आवश्यक था, बिना सूर्य के प्रकाश के जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है, सूर्य के प्रकाश से ही पेड़ पौधे अपना भोजन ग्रहण करते हैं, और उसी भोजन को मनुष्य या अन्य जीव अपने भोजन के रूप में प्राप्त करते हैं, सभी जीव धारियों के कोशिका के विकास में सूर्य के प्रकाश की अति आवश्यकता होती है, जिसे जीवन का विकास हो पता है।

 

10. पृथ्वी के तापमान को संतुलित करने में सौर ऊर्जा के लाभ 

यदि सौर ऊर्जा पृथ्वी में नहीं आता, या सूर्य का प्रकाश पृथ्वी में नहीं पड़ता, तो पृथ्वी का तापमान जीव जंतु की जीवन के लिए अनुकूल नहीं होता, अर्थात पृथ्वी का तापमान ऋणात्मक होता, सौर ऊर्जा के माध्यम से पृथ्वी तापमान बजट का निर्माण कर पाता है, जिसके कारण पृथ्वी में अनुकूल तापमान स्थापित हो पाता है, जिसका सीधा सीधा अर्थ है, कि पृथ्वी में जीवो के रहने लायक तापमान स्थापित हो पाता है, जिससे जीवन का विकास होता है।

 

11. सौर ऊर्जा का धातु और अधातु के विकास में लाभ 

सौर ऊर्जा के माध्यम से पृथ्वी में तापमान बजट का निर्माण होता है, पृथ्वी में तापमान बजट के कारण पृथ्वी कई जगह अधिक गर्म हो जाती है, और कई जगह अधिक ठंडी हो जाती है, जिसकी वजह से वह क्षेत्र में दाब का निर्माण होता है, और इसके कारण जब किसी वस्तु पर अत्यधिक प्रेशर या तापमान बढ़ जाता है, तो वह वस्तु उसके अनुसार उस धातु या अधातु का निर्माण करता है, उदाहरण के तौर पर सोना चांदी कोयला इन सब में अप्रत्यक्ष रूप से सौर ऊर्जा का उपयोग होता है।

 

12. वर्षा के लिए सौर ऊर्जा अत्यंत आवश्यक होता है

पृथ्वी में वर्षा के लिए सूर्य के प्रकाश का होना अति आवश्यक है, सूर्य के प्रकाश से कारण पृथ्वी के अलग-अलग भागों में तापमान घटता और बढ़ता रहता है, इस तापमान के कारण निम्न दाब और उच्च दाब जैसे क्षेत्रों का निर्माण होता है, जिसके कारण वायु का प्रवाह उच्च दाब से निम्न दाब की ओर होने लगती है, इस वायु के प्रवाह के कारण समुद्र से अवशोषित जल को उच्च वायुदाब युक्त वायु प्रवाहित होते हुए निम्न वायुदाब की ओर जाता है, जिसके कारण निम्न वायुदाब में क्षेत्र में वर्षा होने की संभावना अधिक हो जाती है, और निम्न वायुदाब क्षेत्र में जब आद्रता युक्त उच्च वायुदाब प्रवेश करता है, तो अधिक ऊंचाई में पहुंचने के कारण वह संघनित होकर वर्षा कर देता है, सौर ऊर्जा वर्षा के लिए आवश्यक कारक माना जाता है।

 

13. पृथ्वी में ऋतु के परिवर्तन में सौर ऊर्जा की आवश्यकता होती है

पृथ्वी अपने अक्ष पर 23:30 झुका हुआ है, जब वह पृथ्वी का चक्कर लगाता है, तो वह एक परवलय का मार्ग पर गमन करता है, इस परवलय का मार्ग के कारण पृथ्वी अपने ऋतु का परिवर्तन करने में सक्षम होता है, जैसे जैसे पृथ्वी सूर्य के करीब पहुंचता है, तो पृथ्वी को सूर्य से अधिक ऊर्जा मिलने लगता है, लेकिन जैसे-जैसे वह सूर्य से दूर जाते जाता है, उसको सूर्य से अपेक्षाकृत कम ऊर्जा मिलने लगता है, पृथ्वी का 23:30 झुका होने के कारण सूर्य का प्रकाश हमेशा विषुवत रेखा में स्थिर नहीं रहता है, बल्कि वह मकर और कर्क रेखा की ओर गमन करते रहता है, जिससे पृथ्वी में रितु का परिवर्तन आसानी से हो पाता है।

 

14. पृथ्वी में दिन-रात परिवर्तन में सूर्य ऊर्जा की आवश्यकता होती है

यदि सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं आता, यह सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पड़ता, तो निश्चित तौर पर पृथ्वी में हमेशा अँधेरा ही छाया रहता, सूर्य के प्रकाश के कारण पृथ्वी 24 घंटे में 1 दिन और एक रात कंप्लीट करता है, अर्थात सूर्य के प्रकाश के कारण ही पृथ्वी पर दिन और रात संभव हो पाता है, सूर्य के प्रकाश के अनंत लाभ है, जो पृथ्वी और मानव सभ्यता के विकास के लिए अति आवश्यक है।

 

15. सौर्य ऊर्जा के माध्यम से प्राकृतिक और अप्राकृतिक संक्रमण से सुरक्षा

पृथ्वी में अनेक तरह के जीव जंतु रहते हैं, जैसे जीवाणु विषाणु कवक जीव-जंतु पेड़-पौधे अनेक तरह की जीवो का निवास पृथ्वी में होता है, सूर्य का प्रकाश अनेक तरह के संक्रमण से पृथ्वी को बचाता है, सूर्य के प्रकाश में अनेक तरह के जीवाणु विषाणु या कवकों का विनाश हो जाता है, यह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पृथ्वी के लिए हमेशा लाभदायक सिद्ध होता है।


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