समाज के लिए शिक्षा का 10 महत्व | Importance of Education For Society

समाज के लिए शिक्षा का महत्व क्या है समझाइए | Explain the importance of education for the society

 

importance of education for society
importance of education for society

समाज के लिए शिक्षा की भूमिका | Role of education for society

 

किसी भी देश के सभ्य समाज के विकास के लिए, व्यक्ति, परिवार, समुदाय और राष्ट्र की समग्र प्रगति में सुधार के लिए शिक्षा बहुत महत्व रखती है। जैसे-जैसे शिक्षा का स्तर सुधरेगा। इसी प्रकार समाज के विकास में योगदान देंगे। औपचारिक एवं अनौपचारिक नैतिक शिक्षा से समाज में सुधार होगा। समाज में सकारात्मकता और नकारात्मकता का स्तर शिक्षा के मुख्य आधार पर मापा जा सकता है। किसी भी सभ्य समाज के विकास के लिए न केवल औपचारिक बल्कि अनौपचारिक शिक्षा भी महत्वपूर्ण है। ताकि हम समग्र शिक्षा की प्राप्ति और प्रगति के लिए ज्ञान, अनुभव और अनुसंधान को इस आधुनिक दुनिया में बदलती तस्वीरों पर आसानी से लागू कर सकें और इस प्रकार एक सभ्य समाज की स्थापना और विकास किया जा सके।

 

समाज के लिए शिक्षा का महत्व क्या है |  What is the importance of education for society

 

1. ज्ञान एवं कौशल विकास

 

किसी भी व्यक्ति के विकास के लिए शिक्षा अति आवश्यक होता है, क्योंकि शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति ज्ञान, कौशल और दक्षता जैसे अनेक सकारत्मक गुणों से सुसज्जित होता है। जो व्यक्ति के व्यक्तिगत और व्यवसायिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह व्यक्ति के बौद्धिक विकास, अध्यात्मिक विकास, शारीरिक विकास जैसे गुणों में विकास करने साथ ही साथ समाज के माध्यम से अन्य लोगों से किसी न किसी रूप में आसानी से जुड़ पाता है। आज के आधुनिक दुनिया में लगातार संचार, तकनीक और कौशल का विकास बढ़ते जा रहे हैं, और उसी के अनुसार संचार, तकनीक और कौशल की मांग बढ़ती जा रही है, ज्ञान एवं कौशल का विकास व्यक्ति को करना अति आवश्यक है, जिससे व्यक्ति का समग्र विकास हो सके और वह समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सके।

 

2. शिक्षा के माध्यम से आर्थिक विकास

 

शिक्षा के माध्यम से आर्थिक विकास कर पाना आसान होता है, क्योंकि शिक्षा ही ऐसा माध्यम है। जिससे व्यक्ति अपने कौशल के विकास के माध्यम से उच्च और निम्न वर्ग के रोजगार को प्राप्त कर पाता है। शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति अपने व्यवसाय को बेहतर बना पाते हैं। और वह समय के अनुसार मांग और पूर्ति को पूर्ण करने में सक्षम होता है।  शिक्षा व्यक्ति के आर्थिक विकास और आर्थिक समृद्धि में बड़े कारगर साबित होती है, शिक्षा व्यक्ति के बौद्धिक और शारीरिक विकास को बढ़ावा देता हैं, जिससे व्यक्ति अनुसंधान, उद्यमिता, उत्पादकता जैसे अन्य आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से अपने आर्थिक विकास को बढ़ाने में सक्षम होता है।

 

3. शिक्षा के माध्यम से सामाजिक गतिशीलता को बढ़ावा

 

शिक्षा एक ऐसा माध्यम है, इससे समाज की गतिशीलता तो बढ़ाई जा सकती है, समाज में होने वाले सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीति और आर्थिक गतिविधियों को दूर करने के लिए शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान होता है। शिक्षा के माध्यम से व्यक्तियों की जीवन में गुणवत्तापूर्ण सुधार किया जा सकता है। शिक्षा एक ऐसा माध्यम होता है, जिससे व्यक्ति अपने सामाजिक,सांस्कृतिक,राजनैतिक,आर्थिक जागरूपता और संपन्न बनाने में मदद करता है। शिक्षा के माध्यम से समाजिक, संस्कृति, राजनीति गतिशीलता को बढ़ाया जा सकता है।

 

 

4. स्वास्थ्य और कल्याण

 

शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सकती है। शिक्षित व्यक्ति सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का बेहतर उपयोग कर सकता है। वह अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत हैं। वे जागरूक बनें ताकि वे वास्तव में स्वास्थ्य सुविधाओं और कल्याण से जुड़ी योजनाओं का सदुपयोग कर सकें। शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जो व्यक्ति को स्वस्थ और जागरूक बनाने में मदद करती है। शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से बेहतर होता है। शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होता है और सर्वोत्तम चीजों को अपनाने का प्रयास करता है, जिससे उसके स्वास्थ्य में सुधार होता है और उसके आस-पास की चीजों का भी कल्याण होता है।

 

 

5. नागरिक जुड़ाव

 

किसी भी सभ्य समाज को सभ्य समाज तब तक नहीं कहा जा सकता है,जब तक उसने नागरिकों का चुनाव सही तौर तरीके से ना हो अर्थात जब सभ्य समाज में व्यक्ति शिक्षित होता है तो वह अपनी राजनीति, न्याय, मौलिक अधिकार, कर्तव्य इत्यादि विशेष रूप से उपयोग करता है। जब व्यक्ति समाज से जुड़ता है,तो वह सकारात्मक पहलुओं को समाज को सूचित करता है। वही जब व्यक्ति समाज में गलत कार्य होते हुए देखते हैं, तो नकारात्मक चीजों के प्रति अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करता है। और बेहतर समाज बनाने में मदद करता है। नागरिकों में शिक्षा बेहतर रूप से वितरण होना अति आवश्यक है जिससे हम एक बेहतर समाज की संरचना कर सकते हैं।

 

 

6. सामाजिक और सांस्कृतिक जागरूकता

 

कोई भी समाज में व्यक्ति तब तक सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से जागरूक नहीं हो सकता है, जब तक वह एक बेहतर शिक्षकों प्राप्त ना करें। जब व्यक्ति बेहतर शिक्षा को प्राप्त करता है, तो आपकी संस्कृति के बारे में जानना पहचानना शुरू कर देते हैं।  और उन सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रति सम्मान को बढ़ाता है। व्यक्ति जब शिक्षित होता है, तो वह अपने ज्ञान के माध्यम से अपनी संस्कृति के प्रति श्रद्धा भाव, विनम्र होता है। इससे कुछ व्यक्ति की दृष्टिकोण अपनी समाज के प्रति एकजुट और सम्मान को बढ़ाता है। व्यक्ति जब शिक्षित होता है, तो वह समाज की कुरीतियों को सुधारने की कोशिश करता है। जिससे एक बेहतर संस्कृति और समाज का निर्माण होता है।

 

7. समस्या समाधान और नवाचार

 

शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति अपनी समस्याओं का समाधान करता है. दुर्गम से दुर्गम परिस्थितियों में फसने के बावजूद भी व्यक्ति अपने बौद्धिक क्षमताओं का उपयोग करके उन चुनौतियों से लड़ने में सक्षम हो जाता है। समाज में अनेक जटिल परिस्थितियां उत्पन्न होती है, और उन जटिल परिस्थितियों की समस्याओं को समाधान करने के लिए व्यक्ति अपनी शिक्षा का उपयोग करता है। कई बार समाज में कुछ वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार की भी जरूरत पड़ती है। जो व्यक्ति बेहतर शिक्षा के माध्यम से अपने समाज को बेहतर दिशा और निर्देश देता है। जिससे समाज का विकास लगातार बढ़ जाता है। अर्थात व्यक्ति शिक्षा के माध्यम से ही अपनी समस्याओं का समाधान कर पाता है। और समाज को एक नई दिशा प्रदान करने में सक्षम होता है। गरीबी और असमानता को दूर करने में शिक्षा का योगदान होता है।  एक अशिक्षित व्यक्ति इस वजह से गरीब होता है, क्योंकि उस अशिक्षित व्यक्ति के पास पर्याप्त मात्रा में रोजगार उपलब्ध नहीं होता है। जब व्यक्ति शिक्षा के माध्यम से अपने कौशल का विकास करता है, तो व्यक्ति अपनी गरीबी के चक्र को तोड़ने में सक्षम हो जाता है, उच्च शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति अच्छी जगह में रोजगार को प्राप्त करता है, साथ ही साथ वह अपने समाज के लिए एक दिशा निर्देश का कार्य करता है। जब व्यक्ति शिक्षित होकर रोजगार को प्राप्त करता है, तो वह अन्य लोगों को भी प्रोत्साहित करता है, शिक्षा की महत्व के बारे में जागरूकता फैलाता है। जिससे बहुत सारे लोग शिक्षा को प्राप्त करके गरीबी और असामनता को अपने जीवन से दूर करने में सक्षम होते हैं।

 

 

 

8. शिक्षा के माध्यम से व्यक्तिगत सशक्तिकरण

 

शिक्षा में इतनी शक्ति होती है, कि वह व्यक्ति के कौशल विकास, बौद्धिक विकास, शारीरिक विकास, निर्णय क्षमता, तार्किक क्षमता इत्यादि का विकास करने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।  शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति अपने व्यक्तिगत सशक्तिकरण को अच्छे से विकास कर पाता है। जिसके कारण वह समाज में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भागीदारी कर समाज के उत्थान के लिए कार्य करता है। शिक्षा व्यक्ति को सफल और सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

9. शिक्षा के माध्यम से वैश्विक प्रतिस्पर्धा से लड़ना

 

आज के आधुनिक दुनिया में शिक्षा का महत्व कितना अधिक बढ़ गया है, कि अगर व्यक्ति शिक्षा को सही तरह से प्राप्त नहीं कर पाता है, तो वह वैश्विक रूप से पिछड़ जाता है। शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है, जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने बौद्धिक क्षमताओं, शारीरिक क्षमताओं, क्षमताओं का विकास कर पाता है। जिसके कारण व्यक्ति को उच्च कौशल से संबंधित रोजगार प्राप्त हो पाते हैं। वह प्रौद्योगिकी, व्यवसायिक या अन्य प्रबंधन क्षेत्रों में भी अच्छा कार्य कर पाता है। शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति वैश्विक प्रतिस्पर्धा से कदम से कदम मिलाकर चलने में सक्षम हो पाता है। शिक्षा एक ऐसा माध्यम है, जिससे व्यक्ति अपने साथ अपने आसपास के सामाजिक दायरे को विकसित करने में मदद करता है।

 

10. शिक्षा के माध्यम से पर्यावरण जागरूपता

 

शिक्षा एक ऐसा माध्यम होता है, जिसकी वजह से पर्यावरण के प्रति जागरूक और जिम्मेदार हो पाता है। जब व्यक्ति पर्यावरण के प्रति जागरूक और जिम्मेदार होता है, तो वह पर्यावरण की संरक्षण और पर्यावरण के विकास में अहम भूमिका निभाता है।  आज प्रदूषण विश्व में सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी हुई है, पर्यावरण प्रदुषण जिसमें मृदा प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, विषक तत्वों के प्रदूषण से शिक्षा के माध्यम से हम स्वच्छ प्रौद्योगिकी का उपयोग करके हम प्रदुषण मुक्ति को प्राप्त कर सकते हैं।  जिसमें सभी का सहयोग महत्वपूर्ण है, और इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ और सही शिक्षा प्राप्त करना आवश्यक है।

 

 

निष्कर्ष

 

जीवन के प्रत्येक पायदान पर शिक्षा का अधिक महत्वपूर्ण योगदान होता है, किसी भी सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और बौद्धिक विकास के लिए शिक्षा एक आधारशिला के रूप में कार्य करती है। किसी भी समुदाय, परिवार, देश के विकास के लिए शिक्षा का होना अति आवश्यक है। क्योंकि शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति के नैतिक मूल्य, न्याय पूर्ण, सामंजस्य पूर्ण समाज, समृद्ध समाज और असमानता को दूर किया जा सकता है।  एक स्वस्थ शिक्षा व्यक्तिगत, परिवार, समाज और राष्ट्र का कल्याण और विकास करता है।

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