प्रथम पंचवर्षीय योजना | First Five Year Plan in India

भारत में पहली पंचवर्षीय योजना  1st five year plan of india की शुरुआत 1 अप्रैल 1951 से लेकर 1956 के बीच में किया गया था। भारत की पहली पंचवर्षीय योजना आर्थिक विकास को बढ़वा देना था,  इस पंचवर्षीय योजना से भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि और विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुवात किया गया था। भारत में पहली पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सुधार और वृद्धि, मूल्य स्थिरता, शिक्षा, परिवहन और बिजली जैसे अनेक क्षेत्रों में सुधार और वृद्धि करना था। यह भारत को खाद्य निर्भरता और कीमत पर नियंत्रण के उद्देश्य से पहली पंचवर्षीय योजना को हारोड़ डोमर संवृद्धि मॉडल पर स्थापित किया गया था। स्वतंत्रता के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जो रूस की समाजवादी विचारधारा से काफी प्रभावित थे। इस कारण जवाहरलाल नेहरू ने 1951 में प्रथम पंचवर्षीय योजना की शुरुआत और इसी योजना को हारोड़ डोमर संवृद्धि मॉडल भी कहा जाता है। भारत के प्रथम पंचवर्षीय योजना के अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू थे और इस पंचवर्षीय योजना के उपाध्यक्ष गुजरी लाल नंदा थे।

 

1st five year plan
पहली पंचवर्षीय योजना

 

प्रथम पंचवर्षीय योजना का मॉडल


भारत के प्रथम पंचवर्षीय योजना को हैरोड डोमर संवृद्धि मॉडल भी कहा जाता है।

 

 

प्रथम पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य

 

भारत की प्रथम पंचवर्षीय योजना 1st five year plan का आदर्श वाक्य "कृषि का विकास" था। भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना का प्राथमिक लक्ष्य भारत में तेजी से आर्थिक विकास के क्षेत्र में सफलता हासिल करने के साथ-साथ गरीबों को कम करना था प्रथम पंचवर्षीय योजना का प्राथमिक उद्देश्य देश की विशाल आबादी के जीवन स्तरों को सुधार कर बेहरत बनाना था।

 

भारत के विभाजन के बाद साथ ही साथ द्वितीय विश्व युद्ध के कारण उत्पन्न विभिन्न समस्याओं और चुनोतियो के समाधान करना था। साथ ही स्वतंत्र भारत के पुनर्निर्माण के लिए योजना बनाना था।

 

प्रथम पंचवर्षीय योजना के नियोजित बजट को 7 व्यापक क्षेत्रों में बांटा गया था।

 

सिंचाई और ऊर्जा

उद्योग

सामाजिक और सेवाएं

भूमिहीन किसानों का पुनर्वास

कृषि और सामुदायिक विकास

परिवहन और संचार

अन्य क्षेत्र 

 

प्रथम पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य वृद्धि दर 2.1% वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर  रखा गया था। जो अंततः प्रथम पंचवर्षीय योजना का वार्षिक सर्कल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 3.6% प्राप्त किया गया था। जो अपने लक्ष्य से अधिक सफलता हासिल किया था।

 

 

कृषि क्षेत्र में सुधार करना 

 

प्रथम पंचवर्षीय योजनाके तहत मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र को सर्वाधिक महत्व दिया गया इस योजना के तहत कृषि उत्पादन को बढ़ाना तथा किसानों के जीवन स्तर में सुधार करना था। प्रथम पंचवर्षीय योजना में मुख्य रूप से भूमि सुधार,सिंचाई परियोजना और  किसानों के लिए ऋण सुविधाओं में वृद्धि करना इत्यादि शामिल किया गया था।

 

 

बुनियादी ढांचे के विकास में अधिक केंद्रित होना

 

बुनियादी ढांचे के विकास में अधिक केंद्रित होना भारत की पहली पंचवर्षीय योजना जो मुख्य रूप से कृषि के क्षेत्रों में अधिक केंद्रित था, अर्थात इस योजना के तहत नहरों का निर्माण, बांधों का निर्माण, सड़कों का निर्माण जैसे अनेक बुनियादी ढांचे का विकास किया गया। जिसे भारत की अर्थव्यवस्था के विकास को समर्थन और सहयोग मिल सके।

 

शिक्षा और सामाजिक सेवा में सुधार

 

भारत का प्रथम पंचवर्षीय योजना भारत में बढ़ने वाली अशिक्षा, गरीबी और स्वास्थ्य में होने वाली गंभीर परिणामों को देखते हुए, सुधार की आकांक्षा से शिक्षा के क्षेत्र में सुधार, स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार जैसे बुनियादी क्षेत्र में इस पंचवर्षीय योजना को लागू किया जाए।  खासकर भारत 1951 के दशक में ग्रामीण क्षेत्रों भारत ही भारत का मुख्या पहचान था। क्योकि भारत में शहरीकरण की कमी थी, इसलिए प्रथम पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अनेक सामाजिक सेवाओं पर भी ध्यान देना था। जिसे शिक्षा के स्तर में बढ़ावा मिल सके और स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में सुधार हो सके।

 

 सार्वजनिक क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका

 

भारत की प्रथम पंचवर्षीय योजना सफल होने से सार्वजनिक क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। प्रथम पंचवर्षीय योजना के सफल होने से दूसरी  पंचवर्षीय योजना के आर्थिक विकास को तेजी से बढ़ावा मिला और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की स्थापना करने में सरकार द्वारा जोर दिया गया। जो प्रथम पंचवर्षीय योजना की सफल होने से भारत के अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार होने का कारण बना।

 

प्रथम पंचवर्षीय योजना के माध्यम से अनेक संस्थाओं का बुनियादी निर्माण किया गया।  प्रथम पंचवर्षीय योजना के अंतिम अवधि 1956 में भारत में 5 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान IIT की स्थापना की शुरुआत की गई, साथ ही साथ भारत में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी की स्थापना देश में उच्च शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए साधना और उपाय किए गए। भारत में विश्व के अन्य देशों के माध्यम से औद्योगिक क्रांति जो दूसरी पंचवर्षीय योजना में अस्तित्व में आया, उन अनुबंधुओं पर हस्ताक्षर प्रथम पंचवर्षीय योजना में किया गया था।

 

संसाधनों का बंटवारा

 

भारत की पहली पंचवर्षीय योजना मुख्य रूप से कृषि पर आधारित था, प्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत संसाधनों का बंटवारा प्राथमिकताओं के आधार पर किया गया, जिससे भारत के अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को संतुलित वृद्धि दर हासिल हो सके। जो भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में सहयोग कर सकें।

 

 

निष्कर्ष

 

भारत की पहली पंचवर्षीय योजना मुख्य रूप से कृषि और औद्योगिक आधुनिकरण को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। और कुछ हद तक बेहतर सफलता हासिल की लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था में अपर्याप्त संसाधनों, कुशल जनशक्ति की कमी और विभिन्न क्षेत्रों में धीमी गति से अनेक चुनौती और समस्याओं का सामना करना पड़ा। लेकिन प्रथम पंचवर्षीय योजना से भारत की अर्थव्यवस्था तो एक आधार प्राप्त हो गया। जिससे भारत अपने उद्देश्य और प्राथमिकता को पूर्ण करने के लिए आकार देने लगा, जो भारत के अर्थववस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

 

 

 

भारत में पहली पंचवर्षीय योजना कब शुरू की गई?


उत्तर - भारत में पहली पंचवर्षीय योजना की शुरुआत आजादी के बाद 1 अप्रैल 1951 से लेकर 1956 के बीच में किया गया था। पहली पंचवर्षीय योजना के अध्यक्ष उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे, साथ ही इस योजना की प्रथम उपाध्यक्ष श्री गुलजारी लाल नंदा जी थे।

 

 

प्रथम पंचवर्षीय योजना के जनक कौन थे?


उत्तर - भारत के प्रथम पंचवर्षीय योजना के जनक के रूप में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को माना जाता है।

 

 

पहली पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य कितने हैं?

 

उत्तर - भारत के प्रथम पंचवर्षीय योजना का आदर्श वाक्य "कृषि का विकास" अर्थात या कृषि क्षेत्रों के विकास से जुड़ा हुआ था, जो भारत के विभाजन के बाद साथ ही साथ दूसरे विश्वयुद्ध के बाद अनेक भारत में समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करते हुए, भारत के पुनर्निर्माण की योजना बनाना, भारत की अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी से सफलता हासिल करने के साथ-साथ गरीबी को कम करना था।

 

प्रथम पंचवर्षीय योजना को नियोजित बजट में 7 व्यापक क्षेत्रों में बांटा गया था

 

सिंचाई और ऊर्जा

उद्योग

सामाजिक और सेवाएं

भूमिहीन किसानों का पुनर्वास

कृषि और समुदायिक विकास

परिवहन और संचार

अन्य क्षेत्र

 

प्रथम पंचवर्षीय योजना के योजनाकार कौन थे

 

प्रथम पंचवर्षीय योजना के योजनाकार / रचनाकार का तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को माना जाता है, जो प्रथम पंचवर्षीय योजना के अध्यक्ष थे, साथ ही इस योजना के उपाध्यक्ष के रूप में गुलजारी लाल नंदा जी कार्यरत थे, प्रथम पंचवर्षीय योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 1951 में हुई थी और यह योजना 1956 तक संचालित हुई थी।

 

 

प्रथम पंचवर्षीय योजना का मुख्य लक्ष्य क्या है?

 

उत्तर - प्रथम पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्रों में विकास करना, बुनियादी पुनः निर्माण करना,  मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना, सामाजिक, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना, सामुदायिक विकास करना, परिवहन और संचार को बेहतर बनाना, सिंचाई और ऊर्जा के क्षेत्रों को बेहतर करना, उद्योग क्षेत्रों के नीव की स्थापना करना, भूमिहीन किसानों का पुनर्वास करना इतियादी था। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ