15 कृषि का महत्व || Importance of Agriculture in Hindi

कृषि का महत्व किसी भी सभ्य मानव समाज की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय संरचना के साथ स्वच्छता और पोषण संबंधी पहलू कृषि के अंतर्गत महत्वपूर्ण कारक हैं। जब हम स्वच्छता, खाद्य सुरक्षा, जैव विविधता, वैश्विक गतिविधियों आदि की बात करते हैं तो कृषि का महत्व और भी बढ़ जाता है। कृषि एक महत्वपूर्ण कारक है। कृषि का महत्व एक मुद्दा बनकर उभरता है। छोटे अर्थों में कृषि के आंकड़े व्यक्ति की सोच की छोटी अवस्था को इंगित करते हैं, लेकिन कृषि का महत्व व्यापक है इसलिए सरल भाषा में कहें तो इसे मापना आसान नहीं है क्योंकि कृषि के बिना जीवन संभव नहीं है।चूँकि कृषि का सम्बन्ध मानव जीवन से शुरू होता है और इसका महत्व मानव जीवन के अंत तक बना रहता है, इसलिए कृषि के महत्व का दायरा बहुत व्यापक है।

 

 

krishi ka mahatva
कृषि का महत्व


कृषि का महत्व क्या है? | krishi ka mahatva

 

 

1.कृषि का सांस्कृतिक एवं पारंपरिक महत्व

 

कृषि किसी भी समाज के विभिन्न सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व से जुड़ी होती है। कृषि कई सांस्कृतिक प्रथाओं, त्योहारों, अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कृषि कई समाजों की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गहराई से जुड़ी हुई है। कृषि के माध्यम से व्यक्ति अपने देवी-देवताओं, पूर्वजों और प्रकृति से जुड़ने का प्रयास करता है। कृषि के माध्यम से हम प्रकृति के प्रति अपना समर्पण दर्शाते हैं। प्रकृति के प्रति सद्भावना और समर्पण कई संस्कृतियों के रीति-रिवाजों और परंपराओं में गहराई से निहित है। रीति-रिवाजों और पारंपरिक विरासत को प्रतिबिंबित करने में कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 


2. खाद्य उत्पाद

 

कृषि विश्व की जनसंख्या के लिए भोजन का प्राथमिक स्रोत है। कृषि के माध्यम से हम विभिन्न प्रकार का भोजन प्राप्त कर सकते हैं। कृषि के माध्यम से, फसलें उगाकर हम अनाज, फल, फूल और औषधियों जैसी खाद्य श्रृंखला को पूरा कर सकते हैं, साथ ही विभिन्न प्रकार के पशु धन का उपयोग करके हम दूध, दही और मक्खन की आपूर्ति कर सकते हैं। कृषि के माध्यम से हम पानी में पैदा होने वाले अनाज, फूल और औषधियों की आपूर्ति कर सकते हैं। कृषि एक ऐसा माध्यम है जो विश्व की जनसंख्या के पोषण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। और इतनी बड़ी आबादी को भोजन की आपूर्ति कृषि के विकास और महत्व पर निर्भर करती है। कृषि का महत्व पूर्णतः सभ्य समाज के विकास पर निर्भर करता है। जैसे-जैसे समाज विकसित और समृद्ध होता है, उसके पीछे कहीं न कहीं किसी न किसी का बहुत बड़ा योगदान होता है। कृषि के बिना समाज की कल्पना करना आसान नहीं है क्योंकि एक व्यक्ति तब तक जीवित रह सकता है जब तक उसके पास भोजन की आपूर्ति है।


 

3. शारीरिक विकास में सहायक

 

कृषि एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा उत्पादित अनाज एवं सब्जियों के माध्यम से हमें अनेक प्रकार के विटामिन, प्रोटीन, खनिज, कार्बोहाइड्रेट आदि प्राप्त होते हैं जिनसे हम अपनी शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। और यह हमारे शरीर के विकास में सहायक होता है। कृषि से उत्पन्न अनाजों एवं औषधियों के पोषण से जीव-जंतुओं एवं पौधों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से पोषक तत्व प्राप्त होते हैं, जो जीव-जंतुओं के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके माध्यम से जीव अपने जीवन की एक अवस्था से लेकर अनेक अवस्थाओं तक विकसित होता है।


 

4. कृषि के माध्यम से जैव विविधता को संरक्षण

 

कृषि एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से हम जैव विविधता का बेहतर संरक्षण कर सकते हैं। कृषि प्रणाली के माध्यम से कई जानवरों का भरण-पोषण किया जाता है। जय कृषि के माध्यम से जैव विविधता को समर्थन करते हैं। साथ ही कई फसलें उगाई जाती हैं, साथ ही इसमें विभिन्न फल और कृषि-वानिकी जैसी प्रथाएं भी शामिल होती हैं, जो विभिन्न पौधों और जानवरों को सुरक्षा और आवास प्रदान करती हैं, जो उन जानवरों और विभिन्न प्रकार के जीवों के लिए जीवन के विकास में मदद करती हैं। जिसे वनस्पति और जीव-जंतुओं का संरक्षण किया जा सकता है अर्थात हम कह सकते हैं कि कृषि के माध्यम से जैव विविधता का संरक्षण होता है।

 

 

5. पर्यावरण प्रबंधन में कृषि का महत्व

 

कृषि पर्यावरण प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि इसके माध्यम से ही हम पर्यावरण के प्रबंधन और संरक्षण को बेहतर रूप दे सकते हैं, यानी जब हम कृषि के माध्यम से सतत विकास करेंगे तो पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोक सकते हैं। कृषि के सतत विकास से ही पर्यावरण प्रबंधन के लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। जैसे मृदा अपरदन को रोका जा सकता है। जल प्रबंधन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है। खाद्य श्रृंखला में होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। विदेशी प्रजाति के पेड़-पौधों के मिश्रण को रोका जा सकता है। कई प्रकार के जानवरों के आवास को नष्ट होने से बचाया जा सकता है, यानी पर्यावरण प्रबंधन में कृषि का कई महत्व हो सकता है।


 

6. जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन

 

कृषि एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से हम जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं। हम इसे संतुलित कर सकते हैं क्योंकि कृषि के माध्यम से हम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम कर सकते हैं और पर्यावरण की शुद्धता बढ़ा सकते हैं। कृषि-वानिकी और टिकाऊ कृषि पद्धतियाँ कम जुताई के माध्यम से मिट्टी को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकती हैं। टिकाऊ खेती के तरीकों का उपयोग करके हम पर्यावरण में अनियंत्रित रूप से उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड को निष्क्रिय करके पर्यावरण को संतुलित कर सकते हैं। कृषि जलवायु परिवर्तन को संतुलित करने में मदद करती है।

 


7. नवाचार एवं अनुसंधान में कृषि का महत्व

 

विश्व की बढ़ती जनसंख्या और भोजन के लिए बढ़ते दबाव से फसलों के अधिक उत्पादन की मांग बढ़ जाती है। जब तक हम कृषि में आनुवंशिक परिवर्तन नहीं करेंगे और साथ ही जैव प्रौद्योगिकी और सटीक खेती के तरीकों को अपनाने के लिए विभिन्न प्रकार के अनुसंधान और तकनीकों का उपयोग नहीं करेंगे, तब तक उपज बढ़ाना आसान नहीं होगा। यह अत्यावश्यक हो गया है ताकि हम कम समय में अधिक फसलों की पैदावार बढ़ा सकें, जो दुनिया में फसल की पैदावार में सुधार को दर्शाता है और कम संसाधनों के उपयोग के साथ अधिक से अधिक फसलों के उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करता है, जिससे विश्व की खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने में कृषि अनुसंधान और नवचार से में मदद मिलती है। जो कृषि के महत्वपूर्ण योगदान है।

 

 

8. वित्तीय योगदान

 

दुनिया चाहे कितनी भी तेजी से विकास कर ले, किसी न किसी रूप में कृषि का योगदान आज भी बहुत महत्वपूर्ण है। कृषि के विकास के बिना विकसित देश की कल्पना करना मूर्खता है। कृषि प्रधान देशों में कई देश ऐसे हैं जिनकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि पर निर्भर है। कृषि के माध्यम से उस देश की आर्थिक वृद्धि के साथ-साथ रोजगार और बाज़ारों का भी विकास होता है। कृषि अर्थव्यवस्था के माध्यम से प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक अर्थव्यवस्था को विकसित होने में सहायता मिलती है। कृषि खाद्य प्रसंस्करण और वितरण को एक साथ चलाने में मदद करती है। कृषि मूल्य श्रृंखला को बेहतर बनाने में योगदान देता है। कृषि कई लोगों के लिए आजीविका का काम करती है, जो उनके जीवन को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने में मदद करती है और देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू, क्रियाशील और समृद्ध बनाने में भी मदद करती है।

 


9. ग्रामीण विकास में सहायक

 

ग्रामीण विकास में कृषि मुख्यतः महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने, बुनियादी ढांचे के विकास और ग्रामीण समुदाय में उद्यमिता बढ़ाने में कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कृषि को किसी भी गाँव के विकास की रीढ़ कहा जाता है क्योंकि कोई भी देश तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक गाँवों का समुचित विकास न हो। जब गाँव में कृषि के माध्यम से आर्थिक विकास होता है तो इससे कई प्रकार के रोजगार उत्पन्न होते हैं जो लोगों के लिए आजीविका का साधन बन जाते हैं। बेहतर कृषि का विकास किसी भी गांव के विकास में सकारात्मक परिणाम बढ़ाने में सदैव सहायक सिद्ध होता है।

 


10. खाद्य सुरक्षा में कृषि का महत्व

 

कृषि एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से हम खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। जब कोई देश विकसित होता है या समृद्ध समाज की ओर बढ़ता है, तो उसके पास पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन होता है। आपातकालीन स्थितियों में भी यह खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम है और यह ज्ञात है कि यह सब कृषि के कारण ही संभव है। कृषि की दृष्टि से समृद्ध राज्य आपातकालीन परिस्थितियों में भी पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री सुरक्षित कर लोगों को आसानी से वितरित कर सकते हैं, जिससे देश की खाद्य समस्याओं का समाधान हो जाता है, अर्थात हम कह सकते हैं कि खाद्य सुरक्षा में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है।

 


11. सतत विकास में कृषि का महत्व

 

सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में कृषि का योगदान महत्वपूर्ण है। कृषि के माध्यम से हम गरीबी, भुखमरी, अच्छा स्वास्थ्य, पर्यावरण, भूमि, उद्योग, नवाचार और स्वच्छ जल जैसे कई मुद्दों को हासिल कर सकते हैं। सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी मदद से हम कई देशों में गरीबी और भुखमरी को खत्म कर सकते हैं साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए कृषि के माध्यम से ग्रीन हाउस गैस के नकारात्मक प्रभावों को भी दूर कर सकते हैं। कृषि के माध्यम से स्वच्छ भूमि की कल्पना करें। कृषि के माध्यम से उद्योग चलाए जा सकते हैं। जो कृषि में नवाचार कर आसानी से सफलता हासिल की जा सकती है। सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है।

 

 

12. व्यापार में कृषि

 

कृषि एक ऐसा माध्यम है जो व्यापार को बढ़ावा देता है। कृषि स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने में मदद करती है क्योंकि कृषि के माध्यम से खाद्य और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो कृषि के माध्यम से उत्पादित उत्पादों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन और कृषि के माध्यम से कच्चे माल के प्रसंस्करण में मदद करती है। जो कृषि वस्तुओं के आयात और निर्यात में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विश्व में कई स्थानों पर कृषि उत्पादन अधिक है, जबकि अन्य स्थानों पर कृषि उत्पादन बहुत कम है। ऐसी स्थिति में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा दिया जाता है ताकि कमी वाले क्षेत्रों में कृषि उत्पादों की मांग को पूरा किया जा सके।

 

 

13. कृषि के माध्यम से स्वास्थ्य स्तर बढ़ाना

 

कृषि से न केवल भोजन प्राप्त किया जा सकता है, बल्कि इसके माध्यम से हम उन पोषक तत्वों का भी उपभोग करते हैं जो स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं। कृषि के माध्यम से हमें अनाज, फसलें, औषधियाँ या अन्य प्रकार के कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा आदि प्राप्त होते हैं जिससे समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान होता है। आज के समय में हम जैविक खेती का उपयोग करके कृषि से उत्पन्न होने वाले विषाक्त अनुवर्ती अनाज वाले खाद्य पदार्थों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं और यही जैविक भोजन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है। जैविक खेती का उपयोग जारी रखने से भविष्य में एक स्वस्थ दुनिया की कल्पना करना आसान हो सकता है।

 


14. चिकित्सा में कृषि का महत्व

 

आज की दुनिया में कृषि के माध्यम से मानव स्वास्थ्य का संबंध जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के लिए अधिक महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि कृषि के माध्यम से स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए कई दवाओं का निर्माण किया जाता है, जिनका उपयोग दवा कंपनियों द्वारा किया जाता है और उनका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है। इसके माध्यम से कई औषधियां बनाई जा सकती हैं और स्वास्थ्य को आसानी से सुधारा जा सकता है।

 


15. गरीबी उन्मूलन में कृषि का महत्व

 

आज जहां एक ओर विकसित देश कृषि के विकास के कारण अपने पोषक तत्वों की आपूर्ति करने में सक्षम हैं, वहीं कई गरीब देश ऐसे भी हैं जो कृषि के विकास के अभाव के कारण अपने पोषक तत्वों की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हैं। जिसके कारण इन देशों में गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी बढ़ती है, लेकिन कृषि के माध्यम से हम उन खाद्य पदार्थों का उत्पादन करके पोषक तत्वों की मांग को पूरा कर सकते हैं। साथ ही कृषि एक ऐसा माध्यम बन सकती है जिसके माध्यम से हम छोटे स्तर पर लोगों को रोजगार प्रदान करके आय के स्रोत बढ़ा सकते हैं। जिससे हमें गरीबी कम करने में मदद मिल सकती है.


 

16. कच्चे माल की आपूर्ति में कृषि का महत्व

 

ऐसे कई उद्योग हैं जो कृषि पर आधारित हैं। ऐसे कई उद्योग हैं जिनमें कृषि से उत्पन्न फसलों का उपयोग करके वे उद्योग चलाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, कपड़ा उद्योग, फार्मास्युटिकल उद्योग, चीनी उद्योग, तेल उद्योग, जैव ईंधन उद्योग, ये सभी लगभग कृषि कच्चे माल पर निर्भर हैं, यानी इन उद्योगों के लिए कृषि का महत्व बहुत बढ़ जाता है।

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